Delhi

18 मिनट में 16 किमी. की दूरी तय कर ट्रैफिक पुलिस ने कैडवेरिक लिवर पहुंचाकर बचाई जिंदगी

नई दिल्ली, 20 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार को ग्रीन कॉरिडोर बनाया। ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनवाकर 18 मिनट में दिल्ली एयरपोर्ट से द्वारका के एक प्राइवेट अस्पताल तक लीवर पहुंचाया। चंडीगढ़ से फ्लाइट द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट पर लाए गए लिवर को रात के 1:30 बजे ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अस्पताल पहुंचाया। इससे मरीज में सही समय पर लिवर का प्रत्यारोपण कर डॉक्टरों द्वारा उसे नई जिंदगी दी गई।

दरअसल, द्वारका स्थित अस्पताल में एक मरीज अपनी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था, जिसे लिवर की जरूरत थी। तमाम कोशिशों के बाद डॉक्टरों ने चंडीगढ़ के एक अस्पताल में स्थित मृत मरीज के परिजनों से लिवर को डोनेट कराया। लिवर डोनेट होने के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती थी इस लिवर को चंडीगढ़ से दिल्ली एयरपोर्ट और फिर दिल्ली एयरपोर्ट से समय पर अस्पताल में पहुंचा कर प्रत्यारोपित कराने की। इस चुनौती को देखते हुए द्वारका के एक अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. अजीत पाल सिंह ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस से अनुरोध किया कि वह एयरपोर्ट से लिवर को अस्पताल पहुंचाने में उनकी मदद करें।

ट्रैफिक पुलिस ने मानव सेवा के इस काम को प्राथमिकता देते हुए तुरंत कार्रवाई की और डीसीपी नई दिल्ली रेंज प्रशांत गौतम के निर्देशन में यह कार्य पूरा किया गया। डॉटर ने अनुरोध किया था कि यह एक नाजुक मुद्दा है और समय-समय पर संशोधित मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार इसे सुरक्षित और सावधानीपूर्वक संभालने की आवश्यकता होगी। अंग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, इसे लगभग 15 किलोग्राम वजन और 3x2x1.5 फीट आकार के एक सीलबंद बक्से में विधिवत संरक्षित करके ले जाया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है कि अंग एक्स-रे के संपर्क में न आए।

द्वारका के एक अस्पताल के अनुरोध प्राप्त होने पर यातायात पुलिस जोन दो के विशेष आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने नई दिल्ली रेंज के डीसीपी ट्रैफिक प्रशांत गौतम को टर्मिनल 2, आईजीआईए से द्वारका तक लिवर के परिवहन में हर संभव मदद करने का निर्देश दिया। इसके बाद टीआई आईजीआईए और टीआई दिल्ली कैंट के साथ तुरंत एक बैठक बुलाई गई। बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को आईजीआई हवाई अड्डे से द्वारका के एक अस्पताल तक कैडवेरिक ऑर्गन (लिवर) के परिवहन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार करने के बारे में निर्देशित किया गया। इसके बाद एयरपोर्ट से अस्पताल तक लगभग 16 किमी के ग्रीन कॉरिडोर की योजना बनाई गई और कैडवेरिक ऑर्गन (लिवर) ले जाने वाली एम्बुलेंस के सुचारू और तेज़ परिवहन के लिए कॉरिडोर पर लगभग 35 यातायात कर्मचारी तैनात किए गए।

इस दौरान कुल 16 किमी की दूरी केवल 18 मिनट में तय की गई। लिवर को सुरक्षित और समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। मरीज के डॉक्टरों और परिवार ने टर्मिनल 2, आईजीआईए से द्वारका तक लिवर के परिवहन के लिए ग्रीन कॉरिडोर प्रदान करने में समय पर मदद करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को धन्यवाद दिया।

उल्लेखनीय है कि साल 2023 के दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कुल 24 ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराए हैं और चालू वर्ष के दौरान अब तक कुल 08 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं।

(Udaipur Kiran) / अश्वनी

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