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हत्या के चार बुजुर्ग आरोपितों को जमानत पर रिहा करने का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट

-कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से मांगा स्पष्टीकरण

प्रयागराज, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के चार बुजुर्ग आरोपितों को अंतरिम राहत देते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

जमानत पाने वालों में दो पूरी तरह से नेत्र दिव्यांग (दृष्टिबाधित) हैं। साथ ही मामले में सम्बंधित जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से स्पष्टीकरण मांगा है। यह आदेश जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने शाहजहांपुर के सुच्चा सिंह व तीन अन्य की आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के हाल में गणेश बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में पारित आदेश के आधार पर दिया है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के सभी न्यायालयों के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों-जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे उत्तर प्रदेश राज्य की विभिन्न जेलों में बंद उन सभी आरोपितों पर नज़र रखें, जिनके मामलों में समय से पहले रिहाई की सिफारिश की गई। उन्हें अंतरिम ज़मानत पर रिहा किया जाए। इस शर्त के अधीन कि यदि किसी आरोपित की सिफारिश राज्य सरकार द्वारा खारिज कर दी जाती है तो वह सम्बंधित न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करेगा और उसे फिर से जेल भेज दिया जाएगा।

खंडपीठ ने पाया कि इस मामले में शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से वर्तमान अपीलकर्ताओं को अल्पावधि जमानत पर रिहा करने के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने स्पष्टीकरण भी मांगा है। इसके साथ रजिस्ट्रार जनरल को उत्तर प्रदेश राज्य के सभी सम्बंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आदेश का अनुपालन रिपोर्ट प्राप्त करने का भी निर्देश दिया।

अंतरिम जमानत पाने वालों में 93 वर्षीय सुच्चा सिंह (नेत्र दिव्यांग तथा वृद्धावस्था दुर्बलता), 57 वर्षीय हरदीप सिंह (नेत्र दिव्यांग), 83 वर्षीय दलवीर सिंह (वृद्धावस्था दुर्बलता), 52 वर्षीय अवतार सिंह (गले की बीमारी से पीड़ित) तथा 72 वर्षीय पाल सिंह (सीओपीडी तथा वृद्धावस्था दुर्बलता) का नाम शामिल है।

(Udaipur Kiran) /आर.एन/दिलीप/आकाश

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