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पति की याचिका खारिज तो पत्नी ने दाखिल की वही याचिका, कोर्ट ने माना न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग

इलाहाबाद हाईकोर्ट

–बीस हजार हर्जाने के साथ पत्नी की याचिका खारिज

प्रयागराज, 15 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला पंचायत लालगंज, मिर्जापुर के दो सदस्यों वसीम अहमद व शमशुद्दीन द्वारा किए गए सरकारी धन के गबन की वसूली करने की मांग में दाखिल पति की याचिका वापस लेने के बाद पत्नी द्वारा वही याचिका उसी वकील के माध्यम से दाखिल करने को न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग करार दिया है। कोर्ट ने इसके लिए बीस हजार रुपए हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी है।

कोर्ट ने कहा यह जनहित याचिका सदाशयता से दाखिल नहीं की गई है। पति ने कोर्ट से राहत न मिलता देख याचिका वापस ले ली थी और विधिक फोरम में जाने की बात कही थी। इसके बाद उसकी पत्नी ने बिना कोई बदलाव किए हूबहू वही याचिका जनहित याचिका के रूप में दाखिल कर कार्रवाई की मांग की है। दोनों में एक ही वकील थे। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरूण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने अमारिन की जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

विपक्षी अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया और पति की याचिका खारिज होने के बाद उसी याचिका को पत्नी द्वारा दाखिल करने की जानकारी दी। दोनों याचिकाओं में जिला पंचायत के दो सदस्यों पर गबन के आरोप की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने तथा गबन राशि की वसूली करने की मांग की गई थी।

(Udaipur Kiran) /आर.एन/राजेश

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