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हार न मानें, आगे बढ़ते जाएं, सफलता जरूर मिलेगी- डॉ. गोस्वामी

जिला कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कोचिंग विद्यार्थियों से लाइव संवाद किया

कोटा, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । कोटा जिला कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि विद्यार्थी विफलता से कभी निराश न हों। विद्यार्थी जीवन में हार न मानें बल्कि उससे सीख लेकर खुद को चुनौती दें और आगे बढ़ते जाएं। कर्म में विश्वास बनाए रखें, मन लगाकर मेहनत करें। खुश रहें, सकारात्मक रहें। अंत में फल अच्छा ही मिलेगा। डॉ. गोस्वामी ने मंगलवार शाम मोशन एजुकेशन के दक्ष कैम्पस में मोटिवेशनल सेमिनार में कोचिंग विद्यार्थियों से लाइव संवाद किया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में मेडिकल कोचिंग के लिए वे खुद कोटा आए थे। पहला प्रयास विफल रहा लेकिन दूसरे प्रयास में सफल रहा और अच्छी रैंक के साथ सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस की। उसके बाद अस्पताल में काम करते हुये यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। वर्ष 2015 में उन्हें पहले प्रयास में 152वीं रैंक मिली, जिससे आज आईएएस बने हैं। सेमिनार में संस्थान के चैयरमेन सुरेंद्र विजय और सीईओ नितिन विजय ने उनका स्वागत किया।

अटेम्पट की सीमा और बैकअप प्लान रखें-

उन्होंने कहा कि नीट या जेईई एक प्रतिस्पर्धा है। लाखों विद्यार्थी पूरी निष्ठा के साथ इनकी तैयारी करते हैं। अगर आप असफल भी हो जायें तो इसका मतलब यह नहीं कि आपने पढ़ाई अच्छी नहीं की। हो सकता है किसी और ने आपसे ज्यादा मेहनत की हो, उसकी क्षमताएं आपसे ज्यादा हो। उसमें निराश होने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। अगर आप योग्य हैं तो प्रयास जारी रखें लेकिन इसकी एक सीमा जरुर होनी चाहिए। साथ ही, हमेशा बैकअप प्लान भी रखें।

आपका होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण –

डॉ गोस्वमी ने कहा कि आपके माता-पिता ने आपको कोटा इसलिए भेजा है जिससे आपका भविष्य बेहतर बन सके। उनके लिए आपको डॉक्टर-इंजीनियर बनते देखना, खुद के लिए नहीं बल्कि आपके लिए ही है। उनके लिए आपकी कामयाबी से ज्यादा आपका होना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर-इंजीनियर नहीं भी बने तो भी आपके माता-पिता दुखी नहीं होंगे, बस आप खुश रहें।

लक्ष्य मुश्किल न हो तो मजा नहीं –

जिला कलक्टर ने अपने अनुभव सुनाते हुये कहा कि लक्ष्य मुश्किल हो तभी मेहनत करने में मजा है। उन्होंने कहा- प्लान ‘बी’ जरूर रखें, मेहनत कभी बर्बाद नहीं होती, निश्चित तौर पर रिजल्ट अच्छे ही होंगे। उन्होंने तनाव से बचने के उपाय बताते हुए कहा- रोज म्यूजिक सुनें, माता-पिता, भाई-बहन से कुछ देर नियमित बात करें। लंबी गहरी सांस लें। तनाव की उम्र बहुत छोटी सी होती है। कुछ क्षण खुद को संभाल लें और दिन को छोटे हिस्सों में बांटकर पढ़ाई करें। मुश्किल टॉपिक्स को पहचानें, उनके टेस्ट दें, उस पर पर ज्यादा समय दें। उन्होंने कहा एग्जाम में रिवीजन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए रिवीजन जरूर करें।

विद्यार्थियों ने पूछे सवाल-

कोचिंग स्टूडेंट्स ने रोज पढ़ाई में आने वाली परेशानियों, रेगुलर स्टडी करने के तरीके, पढ़ाई में एकाग्रता, टाइम मैनेजमेंट और सफलता से जुडे़ कुछ सवाल पूछे। जिला कलक्टर ने स्टूडेंट्स के सवालों, शंकाओं का तुरंत समाधान कर दिया।

(Udaipur Kiran) /संदीप

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