HEADLINES

पूर्व विधायक रणबीर सिंह खर्ब की सजा पर कोर्ट ने आरोपितों की ओर से आंशिक दलीलें सुनीं

राऊज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के एक मामले में पूर्व विधायक रणबीर सिंह खर्ब और पत्नी अनीता को ट्रायल कोर्ट से मिली सात साल कैद की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर आज आरोपितों की ओर से आंशिक दलीलें सुनीं। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने याचिका पर अगली सुनवाई 28 मार्च को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से पेश वकील कल्लू सिंह ने कहा कि 29 फरवरी को दिए आदेश में कोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट के फैसले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत दोषी करार देने का जिक्र नहीं है, जबकि आरोपितों के खिलाफ धारा 120बी के तहत आरोप तय किया गया था। 29 फरवरी को स्पेशल कोर्ट ने दोनों की सजा को निलंबित कर रिहा करने का आदेश दिया था। स्पेशल कोर्ट ने 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके और एक-एक जमानती के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया था।

सेशंस कोर्ट ने रणबीर सिंह खर्ब और पत्नी अनीता को रिहा होने के दस दिनों के अंदर जुर्माने की एवज में पांच-पांच लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान दोनों आरोपितों की ओर से वकील एएन अग्रवाल और नुपुर सचदेवा ने कहा कि रणबीर सिंह खर्ब ने इस मामले में 39 महीने न्यायिक हिरासत में गुजारे हैं, जबकि अनीता करीब 30 महीने न्यायिक हिरासत में थी। उन्होंने सजा को निलंबित करने की मांग करते हुए कहा कि रणबीर खर्ब की उम्र 62 साल है जबकि अनीता की 56 वर्ष है। सेशंस कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला देने पर पाया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत के आरोप पर कोई आदेश नहीं दिया गया है। ऐसे में इस मामले पर 21 मार्च को सुनवाई होगी।

आज सुनवाई के दौरान रणबीर खर्ब और पत्नी अनीता दोनों जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए। बता दें कि 26 फरवरी को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने रणबीर सिंह खर्ब और उनकी पत्नी अनीता को सात साल जेल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने दोनों पर 44 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट ने 26 फरवरी को ही दोनों को हिरासत में लेने का आदेश दिया था।

मामला ऊंचे रिटर्न का झांसा देकर निवेशकों से धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। दोनों पर आरोप था कि एक चिटफंड कंपनी ज्योति फेयर फाइनेंस कंपनी के जरिये ऊंचे रिटर्न का झांसा देकर निवेशकों से करीब तीन करोड़ रुपए ठगे। मामले में पहली शिकायत एएस हुड्डा नामक निवेशक ने 30 सितंबर 2005 को की थी। शिकायतकर्ता ने 1998 से 2002 के बीच कंपनी में 95 लाख रुपए का निवेश किया था। जब शिकायतकर्ता ने कंपनी से रिटर्न मांगा तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया।

हुड्डा की शिकायत के आधार पर रणबीर सिंह खरब और अनीता खरब समेत कंपनी के दूसरे निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। ज्योति फेयर फाइनेंस कंपनी का गठन 1998 में किया गया था। दिसंबर 2003 में रणबीर खरब महाराष्ट्र से विधायक बन गया। उसके बाद वो निवेशकों को लगातार किसी न किसी बहाने से रिटर्न देने से इनकार करता रहा। बाद में वो निवेशकों को धमकाने भी लगा। निवेशकों को धमकी मिलने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।

(Udaipur Kiran) /संजय /आकाश

Most Popular

To Top