Gujarat

‘निर्मल गुजरात 2.0’ के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 240 करोड़ आवंटित

निर्मल गुजरात

-स्वच्छ भारत अभियान को गुजरात में और अधिक गति देने के लिए राज्य सरकार के अहम निर्णय

गांधीनगर, 16 मार्च (Udaipur Kiran) । स्वच्छ भारत अभियान को गुजरात में और अधिक प्रभावी गति देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘निर्मल गुजरात 2.0’ के अंतर्गत विभिन्न नए आयामों के लिए 240 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य की नगर पालिकाओं को सफाई कर (टैक्स) प्रोत्साहन के अंतर्गत कर वसूली में वृद्धि के लिए प्रोत्साहक अनुदान देने का निर्णय किया है। इसके मुताबिक ‘अ’ एवं ‘ब’ श्रेणी की नगर पालिकाओं द्वारा वार्षिक सफाई कर की 71 से 80 फीसदी वसूली करने पर 50 फीसदी प्रोत्साहक अनुदान, 81 से 90 फीसदी वसूली पर 100 फीसदी प्रोत्साहक अनुदान तथा 91 से 100 फीसदी वसूली करने पर 200 फीसदी प्रोत्साहक अनुदान दिया जाएगा। ‘क’ एवं ‘ड’ वर्ग की नगर पालिकाओं में इस प्रोत्साहक अनुदान की दर 60 से 70 फीसदी वसूली करने पर 50 फीसदी, 71 से 80 फीसदी वसूली पर 100 फीसदी, 81 से 90 फीसदी वसूली पर 200 फीसदी और 91 से 100 फीसदी तक की कर वसूली पर 300 फीसदी रखी गई है। प्रत्येक नगर पालिका को प्रतिवर्ष उसके द्वारा वसूली गई सफाई कर की राशि के बराबर सफाई कर का मिलान अनुदान (मैचिंग ग्रांट) दिया जाएगा।

कुल 111 करोड़ का प्रावधान

राज्य के शहरी विकास और शहरी गृह निर्माण विभाग द्वारा निर्मल गुजरात 2.0 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जारी किए गए प्रस्ताव के अनुसार मुख्यमंत्री ने नगर और महानगरों में प्रवेश की मुख्य सड़कों तथा शहर की किसी एक सड़क को आइकॉनिक रोड के रूप में विकसित करने के लिए भी सहायता देने का निर्णय किया है। महानगर पालिकाओं को शहर के सीमा क्षेत्र से 5 किलोमीटर तक और नगर पालिकाओं को शहर की सीमा से 2 किलोमीटर तक की सड़कों की सघन सफाई करनी होगी। इतना ही नहीं, शहर में प्रवेश के एप्रोच रोड की सफाई और किसी एक सड़क को आइकॉनिक रोड के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इस उद्देश्य के लिए महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं को जो आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अंतर्गत अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट महानगर पालिका को 2-2 करोड़ रुपए, भावनगर, जूनागढ़, जामनगर और गांधीनगर महानगर पालिका को 1.5-1.5 करोड़ रुपए, ‘अ’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 1-1 करोड़ रुपए, ‘ब’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 75-75 लाख रुपए तथा ‘क’ एवं ‘ड’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 50-50 लाख रुपए सहित कुल 111 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

‘मेरा शहर, स्वच्छ शहर’ नामक त्रैमासिक प्रतियोगिता

राज्य के नगरों और महानगरों में खुले में कूड़ा फेंकने के कारण बने अस्थायी कूड़ा घरों यानी कचरा-संवेदनशील स्थानों (गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स) से सारी गंदगी को हटाकर तथा ऐसे पॉइंट को स्वच्छ बनाकर उसे स्थायी रूप से स्वच्छ बनाए रखने के लिए ऐसे स्थान पर शिल्प, गार्डन और पौधरोपण आदि सौंदर्यीकरण काम के लिए महानगर पालिका और नगर पालिकाओं को प्रत्येक गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट के लिए 1 लाख रुपए की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी। इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकार ने 16 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। राज्य की सभी स्थानीय निकाय संस्थाओं में स्वच्छता को लेकर प्रतिस्पर्धी माहौल बनाने और स्वच्छता बनी रहे, इसे ध्यान में रखते हुए शहरों की आबादी के आधार पर ‘मारुं शहर, स्वच्छ शहर’ यानी ‘मेरा शहर, स्वच्छ शहर’ नामक त्रैमासिक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली त्रैमासिक रिपोर्ट के आधार पर उचित जांच के बाद श्रेष्ठ स्वच्छता कार्य के आधार पर श्रेष्ठ कलेक्टर, श्रेष्ठ कमिश्नर, श्रेष्ठ प्रादेशिक कमिश्नर और श्रेष्ठ चीफ ऑफिसर को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा और शहरों को कुल 16 करोड़ रुपए के अवॉर्ड दिए जाएंगे।

इस अवॉर्ड के अंतर्गत 10 लाख से अधिक आबादी वाली महानगर पालिकाओं को 5 करोड़ रुपए, 10 लाख से कम आबादी वाली महानगर पालिकाओं को 4 करोड़ रुपए, ‘अ’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 3 करोड़ रुपए, ‘ब’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 2 करोड़ रुपए तथा ‘क’ एवं ‘ड’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 1-1 करोड़ रुपए के हिसाब से अवॉर्ड दिया जाएगा। राज्य के शहरों की स्वच्छता और साफ-सफाई के कार्यों में मुख्य एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सफाईकर्मियों को श्रेष्ठ सफाई कर्मचारी के रूप में सम्मानित कर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

इसके लिए महानगर पालिकाओं में मासिक आधार पर प्रति वॉर्ड एक श्रेष्ठ सफाई कर्मचारी का चयन किया जाएगा और उसे 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जबकि नगर पालिका स्तर पर मासिक आधार पर प्रति नगर पालिका एक श्रेष्ठ सफाई कर्मचारी का चयन कर उसे भी 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस तरह, राज्य सरकार श्रेष्ठ सफाई कर्मचारियों के लिए कुल 4 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करेगी। निर्मल गुजरात 2.0 के अंतर्गत सचिवालय के प्रशासनिक विभागों और उसके अधीन आने वाले मुख्य कार्यालयों द्वारा वार्षिक स्वच्छता कैलेंडर लागू किया जाएगा और स्वच्छता-सफाई गतिविधियां चलानी होंगी।

उल्लेखनीय है कि ‘स्वच्छता में ईश्वर का वास’ के मंत्र को सार्थक कर वर्ष 2007 से शुरू हुए निर्मल गुजरात अभियान को मिले व्यापक समर्थन की सफलता के चलते इसे और अधिक गति देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत निर्मल गुजरात 2.0 शुरू किया गया है।

(Udaipur Kiran) /बिनोद

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