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जयपुर में नजर आने लगे कचरें के ढेर,सामूहिक अवकाश लेकर सफाई कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर किया प्रदर्शन

जयपुर में कचरे के ढेर

जयपुर, 12 मार्च (Udaipur Kiran) ।। सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर विरोध में वाल्मीकि समाज से जुड़े कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर जयपुर में प्रदर्शन किया। शहर में कचरा नहीं उठाए जाने से कई स्थानों पर कचरें के ढ़ेर नजर आए। अगर ऐसा ही चलता रहा तो शहर गदंगी के चलते दुर्गंध मारने लगेंगा। जयपुर के अलावा भीलवाड़ा, अजमेर, भरतपुर, बीकानेर, करौली, लालसोट, दौसा सहित अन्य जगहों पर कल से सफाई कर्मी अवकाश लेकर हड़ताल पर जाएंगे। इसके अलावा अन्य शहरों में भी सफाईकर्मियों में आक्रोश व्याप्त है। वहां पर आगामी एक या दो दिन में सफाई कर्मी हड़ताल पर जा सकते है। वहां पर भी सफाई संघों के पदाधिकारी बैठकें ले रहे है।

कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के कारण जयपुर में सफाई व्यवस्था बिगड़ गई है। राजधानी की सड़कों पर न तो सफाई हुई और न ही हूपर से घर-घर कचरा संग्रहण हुआ। इस कारण राजधानी में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए। मुख्य बाजारों की सड़कों पर कचरा ही कचरा नजर आया। जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर के 8 हजार 500 से ज्यादा सफाई कर्मचारी है, जिनमें से 80 फीसदी कर्मचारी वाल्मीकि समाज से आते हैं। इन कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया और छोटी चौपड़ पर प्रदर्शन किया। जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक हम काम का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी की भर्ती मस्टररोल के आधार पर ही होनी चाहिए। इसके अलावा हमारी अन्य मांगों को लेकर हम पहले ही मंत्री से लेकर अफसरों को अवगत करवा चुके हैं। सफाईकर्मी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है, ऐसे में मजबूरन हमें ये कदम उठाना पड़ा।

सफाई श्रमिक संघ अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के बैनर तले इन कर्मचारियों जयपुर के परकोटा में प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग की। इस दौरान शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम बंद रहा। संयुक्त वाल्मीकि एवम सफाई श्रमिक संघ के आह्यवान पर मंगलवार से सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की शुरूआत हो गई है। सभी कर्मचारियों ने अपने-अपने वार्डो में एकत्रित होकर सफाई कार्य का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया । वार्डो में जाकर कॉलोनियों में कॉलोनी की जनता से वाल्मीकि समाज की वाजीब मांगो को क्रियावन्त करवाये जाने के लिये जनता से अपील की। सफाई कर्मचारियों ने जयपुर की छोटी चौपड पर प्रदर्शन किया । जयपुर शहर में सम्पूर्ण क्षेत्र में कार्य का बहिष्कार किया गया। 13 मार्च को नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय लाल कोठी पर सफाई कर्मचारियों की आम सभा रखी गई है जिसे वाल्मीकि समाज के प्रान्तीय नेता सम्बोधित करेंगे। सभा में आगामी समय में प्रदर्शन करने को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।

लॉटरी से भर्ती का पुरजोर विरोध

डंडोरिया ने कहा की स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारी भर्ती लॉटरी के आधार पर की जा रही है। साल 2018 की तर्ज पर कराई जा रही इस भर्ती का हम पुरजोर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों या कहें अभ्यर्थियों ने पहले नगर निगम में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करके शहर की सफाई की है, उनको प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उनकी मांग है कि सफाई कर्मचारी भर्ती मस्ट्रोल द्वारा की जाए, सफाई कर्मचारी भर्ती 2024 में जिन अभ्यार्थियों ने नगर निगम में काम किया है उन्हे प्राथमिकता दी जाए, जिन अभ्यार्थियों के कोर्ट केस चल रहे है उन्हे प्राथमिकता दी जाएं। वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाएं। चुनाव आचार संहिता की आड़ में सफाई कर्मचारी भर्ती रोकी नही जाए।संघ से जुड़े कर्मचारी इस भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही इस भर्ती से पहले वे प्रैक्टिकल करवाने की भी मांग कर रहे हैं, ताकि अन्य समाज के लोग जो इस भर्ती में आवेदन कर रहे हैं, उनसे सफाई (सड़क पर झाड़ लगाने, गंदी नालियों को साफ करने, कचरा उठाने) के काम करवाकर उनका टेस्ट लिया जा सके।

प्रदेशभर में आंदोलन की तैयारी

डंडोरिया ने कहा कि हमने दूसरे शहरों की निकायों में काम करने वाले वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों से भी आंदोलन शुरू करने का आग्रह किया है। इसके लिए कुछ शहरों की निकायों ने इस पर मंथन शुरू कर दिया और जल्द ही फैसला करके आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जयपुर समेत पूरे राज्य में 50 हजार सफाई कर्मचारी हैं।

नहीं पहुंचे घरों पर हूपर

जयपुर में सफाई कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार का सबसे ज्यादा प्रभाव डोर टू डोर कचरा संग्रहण पर दिखा। जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज एरिया में 500 से ज्यादा हूपर हर रोज घरों और बाजारों में दुकानों से कचरा संग्रहण करके उनको ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचाते हैं, लेकिन मंगलवार को गाड़ियां भी बंद रही। इन पर लगे लगभग सभी कर्मचारी वाल्मीकि समाज से ही हैं।

(Udaipur Kiran) / राजेश मीणा/ईश्वर

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