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एससी-एसटी एक्ट के नौ दोषियों को चार-चार वर्ष का कारावास

प्रतिकात्मक फोटो

फिरोजाबाद, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने गुरुवार को एससी-एसटी एक्ट के नौ दोषियों को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

थाना सिरसागंज के क्षेत्र तिल्यानी निवासी राजेंद्र सिंह धानुक पुत्र राम गुलाम के प्लाट पर 21 जनवरी 2001 को दबंग खरंजा बना रहे थे। राजेंद्र ने खरंजा बनाने का विरोध किया। इस पर दबंगों ने घर में घुसकर राजेंद्र को लाठी डंडों से मारपीट कर घायल कर दिया। जाति सूचक शब्दों से उसे अपमानित किया। उसे जान से मारने की धमकी दी।

राजेंद्र ने थाने में नवीन पुत्र ओमप्रकाश, मुन्नालाल पुत्र भीकम सिंह, कैलाश पुत्र भंवर सिंह, राजू पत्र राजपाल, उदयवीर पुत्र नवाब सिंह, बबलू पुत्र मुन्नालाल, छोटेलाल पुत्र मुन्ना लाल, महिपाल पुत्र संजय, विद्याराम पत्र वीरेंद्र, मुन्नालाल पुत्र बालक राम तथा पिंकी पुत्र मुलायम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। सभी तिलियानी के रहने वाले हैं।

पुलिस ने विवेचना के बाद सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमा मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट इफराक अहमद की अदालत में चला।

अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए। उन्होंने बताया मुकदमे के दौरान महिपाल तथा मुन्नालाल पुत्र बालक राम की मृत्यु हो गई।

गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने नौ लोगों को दोषी माना। न्यायालय ने सभी को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 9-9 हजार रुपया का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर सभी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

(Udaipur Kiran) /कौशल/राजेश

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