चेन्नई (तमिलनाडु) , 26 मार्च (Udaipur Kiran) । मद्रास उच्च न्यायालय ने चेन्नई के थिरुमुल्लैवायल में संचालित नशा मुक्ति केंद्र कॉर्नर स्टोन में बुनियादी सुविधाओं की कमी और कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार पर हैरानी व्यक्त की है।
नशामुक्ति केंद्र का निरीक्षण करने वाले न्याय मित्र अधिवक्ता सीके चंद्रशेखर द्वारा प्रस्तुत अंतरिम रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति एमएस रमेश और सुंदर मोहन की खंडपीठ ने कहा, “उसमें दिए गए बयानों पर गौर करने पर हम कुछ निश्चित बातें जानकर हैरान रह गए। कैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के बहुत परेशान करने वाले तथ्य हैं।”
कॉर्नर स्टोन अधिकारियों को न्याय मित्र की अंतरिम रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
(Udaipur Kiran) / डॉ आर. बी. चौधरी