West Bengal

लॉकेट चटर्जी ने सिंगूर ग्रामीण अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का लगाया आरोप

सिंगूर अस्पताल में वर्षों से हो रहा है गर्भवती महिलाओं के जान से खिलवाड़: लॉकेट चटर्जी
सिंगूर अस्पताल में वर्षों से हो रहा है गर्भवती महिलाओं के जान से खिलवाड़: लॉकेट चटर्जी

हुगली, 05 मई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की हुगली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार लॉकेट चटर्जी ने हुगली के सिंगूर ग्रामीण अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाया है।

लॉकेट चटर्जी ने (Udaipur Kiran) से बातचीत में कहा कि सिंगूर ग्रामीण अस्पताल में वर्षों से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

लॉकेट चटर्जी रविवार सुबह अचानक हाथों में कागज का बंडल लेकर सिंगुर ग्रामीण अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से शिकायत की कि गर्भवती महिलाओं की जांच एक्सपायर्ड अल्ट्रासोनोग्राफी मशीनों से की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन सात साल पहले ही एक्सपायर हो चुकी है और उस मशीन का उपयोग अभी भी सिंगुर और हरिपाल ग्रामीण अस्पतालों में किया जा रहा है। साथ ही एक मशीनों का कोई लाइसेंस (पीएनडीटी) भी नहीं है। इसके बावजूद लगातार उनका उपयोग कर गर्भवती महिलाओं की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

लॉकेट चटर्जी ने डॉक्टरों से बात करने के साथ ही अस्पताल में आये मरीजों के परिजनों से भी बात की तथा आम लोगों को अल्ट्रासाउंड मशीन की अवधि समाप्त होने की जानकारी दी।

भाजपा उम्मीदवार ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि सिंगूर ग्रामीण अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन वर्ष 2017 में एक्सपायर हो चुकी है। वर्ष 2022 में इसके नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र भेजा गया था। आवेदन पत्र पर सीएमओएचए के हस्ताक्षर भी हैं। आगे यह भी आरोप है कि उस अस्पताल में एक तकनीशियन द्वारा अल्ट्रासोनोग्राफी की जा रही थी जबकि जहां पीजी डिप्लोमा डॉक्टर को ही यूएसजी करना चाहिए। उन्होंने चिकित्सा सेवाओं के लिए उपकरणों की खरीद में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर अर्पिता मुखर्जी ने कहा, हमें कोई जानकारी नहीं थी कि मशीन 2017 में एक्सपायर हो गई थी, लेकिन हमारी कुछ रिपोर्टें समस्याग्रस्त लगीं। हमने उच्च अधिकारी को सूचित किया। बीएमओएच ने सीएमओएच को सूचित किया।

जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक सरकार से अनुबंध के तहत एक संस्था यह सेवा मुहैया कराती है, उसके लाइसेंस का समय-समय पर नवीनीकरण कराना पड़ता है। इस मामले में संस्था के पास लाइसेंस है या नहीं, इसकी जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

(Udaipur Kiran) /धनंजय

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