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अजमेर में साबरमती-आगरा कैंट ट्रेन हादसे के मामले में जांच जीएम को सौपी

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अजमेर, 20 अप्रैल (Udaipur Kiran) । अजमेर में साबरमती-आगरा कैंट ट्रेन के मालगाड़ी से टकराने के मामले में जांच रिपोर्ट रेलवे जीएम अमिताभ को सौंप दी गई है। हादसे के लिए पांच कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के अनुशंसा की गई है। रेलवे जीएम ने रिपोर्ट स्वीकार कर ली है।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 17 मार्च की रात 1 बजे मदार स्टेशन से कुछ पहले ट्रेन संख्या 12548 साबरमती (अहमदाबाद) आगरा कैंट जाने वाली ट्रेन का इंजन इस ट्रैक पर आगे चल रही मालगाड़ी के पीछे टकरा गया था। हादसे में साबरमती ट्रेन का इंजन और 4 डिब्बे पटरी से उतरकर गए थे। हादसे से रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया था। हादसे की गंभीरता को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक अमिताभ ने मुख्यालय स्तर पर जांच के आदेश दिए थे। जांच के लिए प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी आरएस रनोत के नेतृत्व में उच्च चार सदस्य टीम गठित की गई थी। समिति सदस्यों ने यहां दो दिनों में करीब 250 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे। साथ ही अन्य बिंदुओं और पहलुओं पर विचार विमर्श करने के एक महीने बाद अपनी रिपोर्ट जीएम को सौंप दी है।

सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में जांच समिति ने पाया की हादसा लोको पायलट और सहायक लोको पायलट द्वारा रेड सिग्नल को ओवरशूट करने से हुआ। रेलवे ट्रैक पर पॉइंट मालगाड़ी के लिए सेट हुए थे। लोको पायलट साबरमती ट्रेन को भी उसी ट्रैक पर ले गया। आगे ट्रैक पर ट्रेन खड़ी देखकर उनके होश उड़ गए। लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाए लेकिन फिर भी वह मालगाड़ी के पीछे जाकर टकरा गया और ट्रेन का इंजन और डिब्बे मालगाड़ी से रगड़ खाते हुए पटरी से उतर गए। सूत्रों के अनुसार जांच में पांच कर्मचारियों को दोषी माना गया है। इसमें साबरमती ट्रेन के लोको पायलट नागा राम, सहायक लोको पायलट सुवालाल को मुख्य दोषी माना गया है। इन्हें गंभीर शासित पत्र दिया जाएगा। यह रेलवे में सबसे बड़ी सजा है। जांच में लोको इंस्पेक्टर सुमेर सिंह को भी दोषी माना गया है। उसे भी शासित पत्र दिया जाएगा। इसमें कम सजा का प्रावधान है। जांच समिति ने स्टेशन मास्टर मदर और लोको इंस्पेक्टर को भी ‘ब्लेम वर्दी: की सजा दी है। यानी उन्होंने अपने पद के कार्य के प्रति लापरवाही बरतते हुए वर्दी को बदनाम किया है। इस मामले में उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगा। लेकिन उन्हें दी गई सजा का सर्विस रिकॉर्ड में इंद्राज जरूर किया जाएगा।

(Udaipur Kiran) /संतोष/ईश्वर

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