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दिल्ली पुलिस को इलाके के पालतू जानवरों की प्रकृति की जांच का हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

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– हाई कोर्ट ने पुलिस को 19 मार्च तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा

नई दिल्ली, 14 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि तुगलक लेन के धोबी घाट में रहनेवाले लोगों के पालतू जानवरों की प्रकृति की जांच करें, जहां डेढ़ साल की एक बच्ची को आवारा कुत्तों ने मार डाला था। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने दिल्ली पुलिस से इस संबंध में 19 मार्च तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या तुगलक लेन में कोई पालतू कुत्ता है। कोर्ट ने कहा कि वो ये जानना चाहता है कि क्या इलाके में कोई ऐसा पालतू कुत्ता तो नहीं जो हिंसक प्रवृति का है और उसने बच्चे पर हमला किया हो। सुनवाई के दौरान एक एनजीओ की ओर से पेश वकील ने कहा कि इलाके में एक पिटबुल कुत्ता है। इसके पहले 4 मार्च को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली में आवारा कुत्तों के आतंक पर चिंता जताते हुए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को नोटिस जारी किया था।

दरअसल, डेढ़ साल की एक बच्ची की आवारा कुत्तों द्वारा मार डालने के मामले में बच्ची के पिता की ओर से मुआवजे की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि लोग वैन से आकर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं। एक इलाके के आवारा कुत्ते किसी पर भी हमला कर देते हैं। आवारा कुत्ते पैदल चलने वालों के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं। कोर्ट ने कहा था कि आवारा कुत्तों को खिलाना किसी के लिए अच्छी बात हो सकती है लेकिन ये बाकी लोगों के लिए मुसीबत पैदा कर सकता है।

याचिका राहुल कनौजिया ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि 24 फरवरी को तुगलक लेने के धोबी घाट इलाके में याचिकाकर्ता की डेढ़ साल की बेटी अपने घर के सामने बैठी थी। तभी चार-पांच की संख्या में आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया और बच्ची को कुछ मीटर घसीटकर ले गए और बच्ची को मार डाला। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील रजत भारद्वाज ने कहा कि बगल के चिल्ड्रेन पार्क में लोग कुत्तों को खिलाते हैं और बच्चों की जान को हमेशा खतरा रहता है।

याचिका में कनौजिया ने कहा है कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की प्रशासनिक लापरवाही की वजह से उनकी बच्ची की जान गई है। उन्होंने इलाके से आवारा कुत्तों को हटाने की मांग करते हुए स्थानीय प्राधिकार को इस संबंध में आदेश जारी करने की मांग की।

(Udaipur Kiran) /संजय

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