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एसआई बनने से पहले ही गिरोह से जुड़कर लगवा रहे थे नौकरियां

एसआई बनने से पहले ही गिरोह से जुड़कर लगवा रहे थे नौकरियां

जयपुर, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक कर और डमी कैंडिडेट बैठाकर पास करने वाले 14 ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों के घरों की जांच में कई दस्तावेज मिले है। इन दस्तावेज से कई चौकाने वाली बातें सामने आई हैं। सब इंस्पेक्टरों ने स्वयं ही पेपर लीक या डमी कडिडेट बैठाकर परीक्षा पास ही नहीं की बल्कि कई लोगों से रुपये लेकर अलग-अलग परीक्षाओं में पेपर के माध्यम से सरकारी नौकरी लगवा दी।

सब इंस्पेक्टरों के घरों में मिले दस्तावेज से सामने आया कि सब इंस्पेक्टर दलाल बन कर काम कर रहे थे। पिछले कई सालों में इन्होंने एलडीसी, यूडीसी, थर्ड ग्रेड शिक्षक, सेकंड ग्रेड, लाइब्रेरियन, वनरक्षक, कृषि और लेक्चरर की परीक्षाओं में पैसे लेकर कई रिश्तेदारों और मिलने वालों को नौकरी लगवा चुके है। अब पुलिस इन दस्तावेज के आधार पर उन लोगों की तलाश कर रही है जो कि इनकी मदद से वर्तमान में सरकारी सेवा में है। सब इंस्पेक्टरों के पास से बड़ी संख्या में खाली चैक, ओएमआर सीट, पेपर सहित अन्य कई दस्तावेज मिले है। सब इंस्पेक्टर की नौकरी लगने के पहले से ये लोग पेपर लीक सहित अन्य माध्यमों से नौकरी लगवाने के काम में जुट हुए थे। एसओजी की राडार में 14 ट्रेनी एसआई के अलावा करीब 200 सब इंस्पेक्टर राडार पर है। एसओजी ने 14 में से 13 सब इंस्पेक्टरों के घर पर छापामारी की थी।

एडीजी वीके सिंह ने बताया कि जयपुर वापस लौटने के बाद रात को एसओजी की टीम ने जब्त दस्तावज को आरोपितों के सामने रखा। इन लोगों ने दस्तावेज के बारे में जानकारी दी। जब्त दस्तावेज में एसओजी को इन ट्रेनी एसआई से अन्य गैंग की भी जानकारी मिली है, जो की पेपर लीक में काफी समय से एक्टिव हैं। जयपुर के जगतपुर में एसकेआईटी रोड पर श्याम रेजीडेंसी स्थित डिप्टी एसपी ओमप्रकाश गोदारा के आवास पर छापा मारा गया था। ओमप्रकाश गोदारा का बेटा करणपाल भी गिरफ्तार एसआई में शामिल है। रेड के दौरान स्थानीय पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। पूरी रेड की मॉनिटरिंग डीआईजी परिस देशमुख व योगेश दाधीच ने की। जोधपुर, बाड़मेर, चूरू में भी रेड की गई थी। सभी जगह से देर रात जयपुर पहुंची।

्रएसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक कर और डमी कैंडिडेट बैठाकर पास करने वाले 14 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर (एसआई) को मंगलवार को एसओजी ने कोर्ट में पेश किया,जहां से उन्हें एक दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। इसके अलावा सब इंस्पेक्टर जगदीश सियाग और ट्रेनी सब इंस्पेक्टर इंदुबाला को चार दिन की डिमांड पर भेजा गया। वहीं आरोपित सरगना हर्षवर्धन मीना, राजेंद्र कुमार यादव, राजेंद्र यादव और शिवरतन को दो दिन की डिमांड पर भेजा गया है।

एसआई के घरों से सोमवार मारी रेड़ में कई अहम जानकारियां सामने आई है। इन ट्रेनी एसआई के घर से कुछ अन्य अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर की ओएमआर शीट, पेपर और रुपयों के लेन देन की जानकारी मिली है।

-जोबनेर कृषि विश्चविद्यालय में भर्ती भी रही थी विवादों में, आ सकती है एसओजी के जांच के दायरे में

पिछले साल जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय में कई पदों पर भर्ती हुई थी। यहां पर करीब 70 पदों पर भर्ती हुई थी। विवाद यह था कि इन पदों पर एक ही समाज के लोगों का चयन बड़ी संख्या में हुआ था। हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बलराज सिंह ने स्पष्टीकरण दिया था कि इस पूरी भर्ती में पूरी पारदर्शिता रखी गई है। 70 में से करीब आधे पदों पर एक ही वर्ग के लोगों का चयन हुआ था। विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर के 2, एसोसिएट प्रोफेसर के 29 और सहायक आचार्य के 99 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इस भर्ती के तहत विश्वविद्यालय को ऑफलाइन मोड़ पर कुल 1100 आवेदन प्राप्त हुए। आवेदन की जांच के बाद विश्वविद्यालय ने 513 प्रतिभागियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया। इसमें से अलग-अलग पदों पर कुल 96 प्रतिभागी सफल घोषित किए गए। कई पदों पर विश्वविद्यालय को योग्य उम्मीदार नहीं मिल पाएं, इस कारण पद खाली रह गए।

जिस की थी तलाश वह करता रहा स्कूल में नौकरी

जूनियर इंजीनियर भर्ती पेपर लीक मामले में जिस आरोपित को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम डेढ़ महीने से ढूंढ़ रही थी, गिरफ्तारी वारंट जारी किया, वो जयपुर के ही सरकारी स्कूल में मजे से नौकरी कर रहा था। एसओजी ने 31 जनवरी को आरोपित लेक्चरर सतवीर चौधरी के साथ छह जनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया था। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी आरोपित टीचर स्कूल आकर ड्यूटी करता रहा। इस दौरान सतवीर चौधरी ने बेटा होने पर 15 की लीव भी ली थी। जब उसे भनक लगी कि एसओजी उसकी तलाश कर रही है तो वह फरार हो गया।

(Udaipur Kiran) / राजेश/संदीप

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