Uttrakhand

लोक गायक प्रह्लाद मेहरा के निधन पर शोक

नैनीताल, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ-कूटा ने प्रसिद्ध कुमाउंनी लोक गायक प्रह्लाद मेहरा के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने कहा है कि प्रह्लाद मेहरा कुमाऊं के एक प्रसिद्ध लोक गायक के साथ कुमाऊं की संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे थे। उनके प्रसिद्ध गीतों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के नारे की प्रेरणा पर बेटी बचाने के लिए ‘गर्भ भितेरा बेटी ना मारा’ गीत भी शामिल है। उनका गीत ऐजा मेरा दानपुरा व चांदी को बटना कुर्ती कॉलर मां लोगों की जुबान पर चढ़ गये थे।

शोक व्यक्त करने वालों में कूटा के महासचिव डॉ.विजय कुमार, प्रो.नीलू लोधियाल डॉ.दीपक कुमार, डॉ.संतोष कुमार, डॉ.दीपाक्षी जोशी, डॉ.दीपिका गोस्वामी, प्रो.अनिल बिष्ट, डॉ.उमंग सैनी, डॉ.पैनी जोशी, डॉ.सीमा चौहान, डॉ.दीपिका पंत, डॉ.नागेंद्र शर्मा, डॉ.युगल जोशी व डॉ.रितेश साह आदि भी शामिल हैं।

इसके अलावा नगर के मल्लीताल बड़ा बाजार में आयोजित एक शोक सभा में मेहरा के निधन पर गहरा शोक और दुःख व्यक्त किया गया। उनके निधन को उत्तराखंड की लोक संस्कृति के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया। वक्ताओं ने कहा कि प्रहलाद मेहरा पहाड़ में आयोजित होने वाले हर कौतिक और तीज त्योहारों में अपनी मधुर आवाज से हर कार्यक्रम में रंग भर देते थे, उनका असमय जाना एक स्तब्ध कर देने वाली घटना है। शोक सभा में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा नैनीताल के नगर अध्यक्ष शाकिर अली, सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप दुम्का, राम नारायण, आन सिंह मेहरा, दया जोशी, गौरव मेहरा, विजय साह व नवीन उप्रेती आदि उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) /डॉ.नवीन जोशी/रामानुज

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