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चौधरी लाल सिंह की 10 साल के बाद फिर से कांग्रेस में वापसी, उधमपुर संसदीय क्षेत्र हो सकते है उम्मीदवार

चौधरी लाल सिंह की 10 साल के बाद फिर से कांग्रेस में वापसी, उधमपुर संसदीय क्षेत्र हो सकते है उम्मीदवार

कठुआ 20 मार्च (Udaipur Kiran) । डोगरा स्वाभिमान संगठन के संस्थापक एवं दो बार सांसद रह चुके चौधरी लाल सिंह की 10 साल के बाद फिर से कांग्रेस में वापसी हुई है। हालांकि पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी जिस पर बुधवार को विराम लग गया।

बुधवार को चौधरी लाल सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस हाई कमान के नेतृत्व में एक बार फिर से करीब 10 साल के बाद कांग्रेस में वापसी की हैं। कांग्रेस में शामिल होने पर उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। हालांकि बुधवार को सिर्फ कांग्रेस पार्टी में उन्होंने वापसी की है जबकि कांग्रेस हाई कमान की ओर से अभी उन्हें किसी भी संसदीय क्षेत्र के लिए उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। नई दिल्ली में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, भरत सिंह सोलंकी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी सहित वरिष्ट नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी का दामन थामा। विकार रसूल वानी ने कहा कि लाल सिंह की पार्टी में वापसी से प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। कांग्रेस के फिर वापसी चौधरी लाल सिंह ने पार्टी में वापसी पर कांग्रेस नेताओं का आभार व्यक्त किया।

वही प्रयास लगाया जा रहा है कि दो बार कठुआ उधमपुर डोडा संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके चौधरी लाल सिंह को कांग्रेस एक बार फिर से इसी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार उतारेगी। वहीं दूसरी ओर इस बार भाजपा की ओर से तीसरी बार फिर से डॉ जितेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया है जोकि 21 मार्च गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। चौधरी लाल सिंह की कांग्रेस में वापसी के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल तेज हो गई है। अगर कांग्रेस चौधरी लाल सिंह को उधमपुर लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतरती है तो इस सीट पर मुकाबले काफी दिलचस्प होने वाला है। वहीं दूसरी और गुलाम नवी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसी आजाद पार्टी के उम्मीदवार गुलाम मोहम्मद सरूरी भी उधमपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने भी बुधवार को कठुआ में एक बैठक का आयोजन किया, वह भी किश्तवाड़ के मूल निवासी हैं ऐसे में इस सीट पर मुकाबला जबरदस्त होने वाला है। चौधरी लाल सिंह साल 2004 और 2009 में उधमपुर से जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे, साल 2014 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था। इसके बाद भाजपा में शामिल हुए और भाजपा में वह मंत्री भी रहे, बाद में उन्होंने भाजपा छोड़ खुद की डोगरा स्वाभिमान संगठन नमक पार्टी बनाई।

(Udaipur Kiran) /

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