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एसीबी केस में आईएएस नीरज के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक

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जयपुर, 23 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में चहेतों को नियुक्ति देने से जुडे मामले में एसीबी में दर्ज एफआईआर में आईएएस नीरज कुमार को बडी राहत दी है। इसके साथ ही अदालत ने एसीबी के डीजी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश नीरज कुमार पवन की आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि एसीबी की ओर से याचिकाकर्ता को गत 14 मार्च को भेजे गए पत्र के आधार पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। एसीबी ने स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन मिशन निदेशक नीरज कुमार पवन को पत्र जारी कर मामले में आरोप पत्र पेश करने के लिए 23 मार्च को एसीबी में पेश होने को कहा था।

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता कमलाकर शर्मा और अधिवक्ता प्रांजल सिंह ने अदालत को बताया कि एसीबी ने वर्ष 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें याचिकाकर्ता को दोषी माना गया। वहीं सात साल बाद केन्द्र सरकार ने मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी की। याचिका में एफआईआर और अभियोजन स्वीकृति को चुनौती देते हुए कहा गया कि एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम ही नहीं है। इसके अलावा प्रकरण में उसकी भूमिका भी साबित नहीं है। याचिकाकर्ता को गत 25 फरवरी को समाचार पत्र के माध्यम से पता चला कि केन्द्र सरकार ने उसके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी है। जब याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अभियोजन स्वीकृति की जानकारी मांगी, लेकिन केन्द्र सरकार ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। वहीं अब एसीबी ने गत 14 मार्च को पत्र जारी कर मामले में आरोप पत्र पेश करने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता को एसीबी कार्यालय बुलाया है। याचिका में गुहार की गई कि याचिकाकर्ता की हद तक एफआईआर और अभियोजन स्वीकृति को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एसीबी डीजी को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

गौरतलब है कि मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नियुक्तियों में फर्जीवाडा कर चहेतों और रिश्तेदारों को नौकरी देने के मामले में एसीबी ने वर्ष 2017 में एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें जांच के बाद तत्कालीन अतिरिक्त मिशन निदेशक नीरज कुमार पवन को भी दोषी माना गया था। एसीबी पूर्व में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश कर चुकी है। जबकि केन्द्र सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के चलते आईएएस नीरज कुमार पवन के खिलाफ कार्रवाई लंबित रखी गई थी।

(Udaipur Kiran) /ईश्वर

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