प्रयागराज, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ में छात्रवृत्ति वितरण को लेकर 13 साल पहले हुए घोटाले में आरोपी वरिष्ठ सहायक संजय त्यागी को बड़ी राहत दी है। इनके विरुद्ध अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार व अल्पसंख्यक विभाग से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है। मामला मेरठ जिले का है। वर्ष 2010-11 में सरकार द्वारा मदरसों के प्रबंधकों के खाते में छात्रवृत्ति के चार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इसके वितरण में पाई गई अनियमिताओं के कारण तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी श्रीमती सुमन गौतम और कार्यालय के लिपिक संजय त्यागी समेत कई मदरसा संचालकों के खिलाफ 98 मुकदमे मेरठ जिले में दर्ज किए गए थे। मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन मेरठ को सौंपी गई।
कहा कि दो बार विभागीय जांच और विजिलेंस जांच में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की जांच में स्वयं माना गया है कि शासकीय धन के गबन का आरोप प्रमाणित नहीं पाया गया एवं ई.ओ.डब्ल्यू द्वारा भारत सरकार की किसी भी गाइडलाइन और नियमावली का उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि 2014 में शासनादेश आया कि छात्रवृत्ति बच्चों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इसके बावजूद जिला विकास अधिकारी व कमिश्नर मेरठ ने याची के विरुद्ध अभियोजन हेतु स्वीकृति प्रदान कर दिया था। जिस पर याची के हाइकोर्ट में याचिका दाखिल किए जाने पर कोर्ट ने अभियोजन स्वीकृति पर रोक लगा दिया था। इसके बावजूद याची के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दिया गया। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 2 जुलाई नियत की है।
(Udaipur Kiran) /आर.एन/राजेश