Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की उल्लंघन पर होगी कार्यवाही

कोरबा/जांजगीर-चांपा 17 मार्च (Udaipur Kiran) । भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 की घोषणा किये जाने के उपरांत आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो चुकी है। लोकसभा निर्वाचन 2024 के दौरान सभी अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय/अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते है, बैनर लगाये जाते है, पोस्टर लगाये जाते है तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडियां लगाई जाती है। जिसके कारण शासकीय/अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी आकाश छिकारा ने आदेश जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा-3 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी व्यक्ति जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ में लिख कर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, यह जुर्माना से जो एक हजार रुपया तक हो सकेगा, दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।

छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 धारा-5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह ओदश जारी किया गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर झंडियां लगायी जाती है अथवा पोस्टर एवं बैनर लगाकर संपत्ति को विकृत किया जाता है । ऐसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए तथा निर्वाचन नारे मिटाने के लिए जिले के प्रत्येक थाने में लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से गठित किया जाता है। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के कर्मचारी पर्याप्त संख्या में पदस्थ रहेंगें। इस लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता टी. आई. थाना प्रभारी के सीधे देख-रेख में काम करेंगे। यह लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता निर्वाचन की समाप्ति तक टी. आई., थाना प्रभारी के सीधे देख-रेख में अपने कार्य क्षेत्र में भ्रमण करते हुए लोक संपत्ति को विरूपित होने से रोकेगा।

यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट पर विधिवत जांच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेगें। इसी प्रकार किसी भी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जायेगा। थाना प्रभारी लोक संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे तथा शिकायत की जांच करेंगे। शिकायत पंजीबद्ध करते समय विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी, वीडियो ग्राफी करवायेंगे। तथ्य सही पाये जाने पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेगें।

थाना प्रभारी उपरोक्त के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। यह प्रतिबंध आदेश तत्काल प्रभाव से चुनाव प्रक्रिया समापन तक जांजगीर-चाम्पा जिले में प्रभावशील रहेगा।।

(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी

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