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कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस व भाजपा में रहा है कड़ा मुकाबला

कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस व भाजपा में रहा है कड़ा मुकाबला

धर्मशाला, 16 मार्च (Udaipur Kiran) । पहाड़ी राज्य हिमाचल में राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कांगड़ा-चम्बा लोकसभा सीट पर हमेशा सभी राजनीतिक दलों और जनता की खास नजर रहती है। 17 विधानसभा सीटों वाली कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस व भाजपा में कड़ा मुकाबला रहा है। इस सीट पर कांग्रेस ने आठ जबकि भाजपा ने सात बार दर्ज की है। आजादी के बाद पहली बार 1952 में लोकसभा के लिए हुए चुनाव के बाद इस सीट पर अभी तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। वहीं अगर बात इस सीट पर जीत की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला रहा है।

कांग्रेस ने आठ बार जबकि भाजपा ने इस सीट को सात बार अपने नाम किया है। एक बार भारतीय लोकदल तथा एक बार अखिल भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार इस सीट पर जीत का परचम लहरा चुके हैं। कांगड़ा लोकसभा सीट पर अगर बात सबसे अधिक बार जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवार की करें तो उनमें भाजपा नेता शांता कुमार का नाम सबसे उपर है। शांता ने सबसे अधिक चार बार कांगड़ा लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है। 1966 से पहले पंजाब का हिस्सा होने के कारण कांगड़ा लोकसभा सीट पर तीन चुनाव हुए थे जिनमें अलग अलग दलों के प्रत्याशी जीतकर आए थे।

वहीं वर्ष 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांगे्रस के हेम राज ने अखिल भारतीय जनसंघ के योद्ध राज को हराया था। वहीं वर्ष 1957 में कांगे्रस के दलजीत सिंह ने हेम राज को हराया। वर्ष 1962 की बात करें तो कांग्रेस के हेम राज ने आजाद उम्मीदवार सर्वण कुमार को हराया था। इसके बाद 1966 में हिमाचल का पुर्नगठन होने के बाद वर्ष 1967 में हुए चुनाव में कांग्रेस के हेमराज ने भारतीय जनसंघ के शांता कुमार को हराया। वर्ष 1971 के चुनाव में कांग्रेस के विक्रम चंद ने जीत दर्ज की। उन्होंने भारतीय जनसंघ के स्र्वण कुमार को हराया था।

वहीं 1977 में भारतीय लोकदल पार्टी के दुर्गा चंद ने चुनाव जीता। उन्होंने कांगे्रस के विक्रम चंद को पराजित किया था। वर्ष 1980 में कांगे्रस के विक्रम चंद महाजन ने जीत दर्ज की। उन्होंने जनता पार्टी के स्र्वण कुमार को हराया था। वर्ष 1984 में कांगे्रस की चंद्रेश कुमारी ने लोकसभा चुनाव जीता। उन्होंने भाजपा के सर्वण कुमार को हराया। 1989 के चुनाव में भाजपा के शांता कुमार ने कांगे्रस की चंद्रेश कुमार को पराजित कर अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता था। वर्ष 1991 में भाजपा के डीडी खनौड़िया ने कांगे्रस की उम्मीदवार चंद्रेश कुमारी को हराया था।

वर्ष 1996 में कांग्रेस के सत महाजन ने भाजपा के शांता कुमार को पराजित किया था। वर्ष 1998 में भाजपा के शांता कुमार ने कांग्रेस के सत महाजन को हराकर दोबारा चुनाव जीता। एक साल बाद ही 1999 में हुए चुनाव में एक बार फिर शांता कुमार ने कांगे्रस के सत महाजन को हराया। 2014 के चुनाव में कांग्रेस के चंद्र कुमार ने भाजपा के शांता कुमार को हराया। वहीं 2009 के चुनावों में भाजपा के डा. राजन सुशांत ने कांग्रेस के चंद्र कुमार को पटखनी दी। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के शांता कुमार ने कांग्रेस के चंद्र कुमार को हराया। वहीं बीते 2019 के चुनाव में भाजपा के किशन कपूर ने रिकार्ड मतों से कांगे्रस के नए उम्मीदवार पवन काजल को चार लाख 77 हजार 623 मतों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की थी। वहीं अहम बात यह है कि पिछले तीन चुनावों में कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा का ही दबदबा कायम है।

कांगड़ा लोकसभा सीट में हैं 17 विधानसभा क्षेत्र

कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में कांगड़ा व चम्बा जिला के 17 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें कांगड़ा की 13 सीटें हैं जबकि चार विधानसभा क्षेत्र चम्बा जिला से हैं। कांगड़ा जिला की बात करें तो इसमें नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर, ज्वाली, ज्वालामुखी, जयसिंहपुर, सुलह, नगरोटा, कांगड़ा, शाहपुर धर्मशाला, पालमपुर तथा बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। वहीं चम्बा जिला के चुराह, चम्बा, डलहौजी तथा भटियात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

(Udaipur Kiran) /सतेंद्र

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