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हिमाचल में सड़क हादसों में आई कमी, राज्यपाल ने नवाजे पुलिस कर्मी

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शिमला, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान सड़क यातायात दुर्घटनाओं, मृत्यु और चोटों में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। 2023 में कुल 2253 दुर्घटनाएँ, 889 मौतें और 3304 चोटें दर्ज की गई जबकि वर्ष 2022 में 2597 दुर्घटनाओं, 1032 मृत्यु और 4063 चोटें दर्ज हुई थी। इस प्रकार वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में राज्य में दुर्घटनाओं में 13 प्रतिशत, मृत्यु में 14 प्रतिशत और चोटों में 18 प्रतिशत की कमी आई है।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने गुरूवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित सड़क सुरक्षा पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने सड़क सुरक्षा में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले पुलिस कर्मियों व अन्य लोगों को सम्मानित किया।

राज्यपाल ने सड़क दुर्घटनाओं के दौरान आम लोगों को सहयोग करने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सड़क सुरक्षा में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने की पुलिस विभाग ने अच्छी पहल की है जो अन्यों को इस दिशा में प्रेरित करेगी।

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों और उन्हें लागू करने तक सीमित नहीं है। यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है जिसके लिए प्रत्येक व्यक्ति, समुदाय और संस्था के समर्पण व अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है ताकि हर यात्रा सुरक्षित हो। उन्होंने कहा कि हिमाचल पहाड़ी राज्य होने के कारण सड़क सुरक्षा की चुनौतियाँ अधिक हैं। बावजूद इसके, सक्रिय उपायों, शिक्षा और नवीन रणनीतियों के माध्यम से, सड़कों पर सुरक्षा की संस्कृति बनाने का ठोस प्रयास किया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में सड़कों की अच्छी कनेक्टिविटी होने के कारण पूरे वर्ष में पर्यटकों की आवाजाही रहती है। पर्यटक सीजन में औसतन 10,000 वाहन राज्य में प्रवेश करते हैं। राज्य में वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और हर दिन औसतन 450 वाहन पंजीकृत हो रहे हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य में सालाना औसतन 2300 सड़क दुर्घटनाएं और 900 मौतें हो रही हैं। हर 24 घंटे में लगभग छह दुर्घटनाएं और दो मौतें हो रही हैं।

शुक्ल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग व अन्य संबद्ध विभाग संयुक्त रूप से इस खतरे को रोकने के लिए प्रभावी उपाय कर रहे है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को यातायात कानूनों व नियमों का पालन करवाने के लिए जागरूक करना आवश्यक है क्योंकि अधिकांश सड़क उपयोगकर्ता यातायात कानूनों का पालन केवल दंडित होने के डर से करते हैं।

महानिदेशक संजय कुण्डू ने कहा कि जहां वर्ष 2021 तक 100 दुर्घटनाओं में 44 मृत्यु होती थी वहीं यह आंकड़ा अब घटकर 37 तक पहुंच गया है। ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने से दुर्घटनाएं कम हुई हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक लाभ भी हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पुलिस विभाग आधुनिक सुविधाओं को अपना रहा है, लोगों को जागरूक कर रहा है और अन्य संबद्ध विभागों का सहयोग ले रहा है उससे आने वाले समय में प्रदेश में काफी बदलाव नजर आएगा।

(Udaipur Kiran) /उज्जवल

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