Uttrakhand

योगाचार्यों की टीम ने योग और ध्यान के अभ्यास करवाए

ऋषिकेश की नमामि गंगे प्रकोष्ठ के सदस्य योग करते हुए छाया विक्रम
ऋषिकेश की नमामि गंगे प्रकोष्ठ के सदस्य योग करते हुए छाया विक्रम
ऋषिकेश की नमामि गंगे प्रकोष्ठ के सदस्य योग करते हुए छाया विक्रम
ऋषिकेश की नमामि गंगे प्रकोष्ठ के सदस्य योग करते हुए छाया विक्रम

-ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के सहयोग से हुआ कार्यक्रम

ऋषिकेश, 26 मार्च (Udaipur Kiran) । पण्डित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्व विद्यालय परिसर, ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ,राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.),जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार , राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप, नमामि गंगे उत्तराखण्ड एवं आदियोगस्थली योग संस्था के सहयोग से गंगा स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत योगाचार्यों की टीम ने योग और ध्यान के अभ्यास के साथ उनके लाभ पर प्रकाश डाला।

मंगलवार को कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मेन्दोला ने स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए कहा हमें योग को अपने जीवन में अपनाना चाहिए, जिससे हम स्वस्थ रहें।

योगाचार्य अमन शर्मा ने बताया कि छात्रों के लिए योग एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभ्यास है। योग के अभ्यास से छात्रों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार मिलता है, जो उनके अध्ययन और जीवन को सहारा देता है। योग उन्हें ध्यान, अवसाद और तनाव से निकालने में मदद करता है और उनके मन को शांति और स्थिरता का अनुभव करने में सहायक होता है। इसके साथ ही, योग उनकी धारणा शक्ति को भी बढ़ाता है और उन्हें स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली की दिशा में मदद करता है।

योगाचार्या वंशिका कौशिक ने छात्रों को संतुलित भोजन के बारे में बताया कि संतुलित भोजन का मन पर प्रभाव बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। संतुलित आहार लेने से आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, जो आपको स्थिरता और ऊर्जा प्रदान करता है। सही मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करने से मन और शरीर दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। इसके विपरीत, असंतुलित आहार से तंदुरुस्ती के बारे में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि मनोविकार और अवसाद। योगाचार्य अंशुल पंवार ने विभिन्न प्रकार के लाभप्रद आसन और व्यायाम की कक्षा से सभी छात्रों को शारीरिक और मानसिक तनाव से मुक्ति के साधनों का मार्गदर्शन किया। इसमें लगभग 120 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया ।

(Udaipur Kiran)

/रामानुज

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