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सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में शिक्षकों की 25 हजार नियुक्तियां रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 07 मई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार को राहत देते हुए 25 हजार शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि यह भर्ती प्रक्रिया सुनियोजित साजिश है। कोर्ट ने कहा कि 25 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना अफसरों का काम है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरी तरह से नियुक्तियों को रद्द करना ठीक नहीं है। वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है। कोर्ट ने ये भी साफ किया कि उन्हीं अभ्यर्थियों को वेतन लौटाने की जरूरत है, जिनकी भर्ती अवैध पाई गई है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच जारी रहेगी। सीबीआई किसी भी अधिकारी या उम्मीदवार के खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं करेगी। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया एक सुनियोजित साजिश है। इस तरह तो लोगों का भरोसा उठ जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को हाई कोर्ट के आदेश पर पूरी तरह रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्या यह संभव है कि 25 हजार नियुक्तियों में से उन मामलों को अलग किया जाए, जिन पर कोई आरोप नहीं लगे हों। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा था कि हाई कोर्ट का ये आदेश सही नहीं है कि पूरी नियुक्तियों को ही रद्द कर दिया जाए, क्योंकि सीबीआई ने केवल 8 हजार नियुक्तियों में ही गड़बड़ी पायी है। वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता, दुष्यंत दवे और मुकुल रोहतगी ने कहा था कि किसी कर्मचारी को तभी हटाया जा सकता है, जब जांच की कार्रवाई सेवा नियमों के मुताबिक हो। हाई कोर्ट का पूरी नियुक्ति को ही निरस्त करने का फैसला मनमाना है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट के इस फैसले से राज्य के स्कूलों में पढ़ाई ठप हो जाएगी। याचिका में राज्य सरकार ने आरोप लगाया कि हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड पर बिना किसी भी हलफनामे और मौखिक दलील के आधार पर ही मनमाने ढंग से नियुक्तियां रद्द कर दीं। दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट ने 22 अप्रैल को 25 हजार उम्मीदवारों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए भर्ती के बाद प्राप्त वेतन वापस करने का आदेश दिया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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