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इलेक्टोरल बांड मामले में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने सीलबंद डाटा निर्वाचन आयोग को सौंपा

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नई दिल्ली, 16 मार्च (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बांड मामले में सीलबंद डाटा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया है। इस डाटा में 2019 और नवंबर 2023 में दिए गए इलेक्टोरल बांड का डाटा है।

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो 2019 और नवंबर 2023 के डाटा की कॉपी कर उसकी मूल प्रति निर्वाचन आयोग को सौंप दे।

15 मार्च को कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की अर्जी पर सुनवाई करते हुए इस बात पर सवाल उठाया था कि स्टेट बैंक ने जो आंकड़े निर्वाचन आयोग को दिए हैं उसमें बांड नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि इसका साफ आदेश था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने स्टेट बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक को आदेश दिया कि वो खरीदे गए बांड का डाटा और जमा करने वाले राजनीतिक दलों की तारीख, यूनिक न्यूमेरिक नंबर और धनराशि का ब्योरा दे। बॉन्ड नंबर जारी होने के बाद अब यह पता चल सकेगा कि किसने और किस पार्टी को कितना चंदा मिला।

दरअसल, निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कोर्ट के 12 अप्रैल 2019 और 2 नवंबर 2023 के अंतरिम आदेश के मुताबिक कुछ आंकड़े सील कवर में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए थे। 11 मार्च के आदेश में कोर्ट ने कहा था कि निर्वाचन आयोग उन आंकड़ों को संभाल कर रखेगा लेकिन वो आंकड़े कोर्ट में जमा हैं। ऐसे में या तो कोर्ट अपने 11 मार्च के आदेश में बदलाव करे या कोर्ट में जमा सील बंद लिफाफे को वापस चुनाव आयोग को लौटा दे।

उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को निर्वाचन आयोग ने स्टेट बैंक की ओर से दी गई इलेक्टोरल बांड की सूचना को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को इलेक्टोरल बांड की जानकारी 30 जून तक बढ़ाने की स्टेट बैंक की याचिका खारिज कर दी थी और स्टेट बैंक को 12 मार्च तक जानकारी देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वो ये सूचना 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे।

(Udaipur Kiran) / संजय

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