देहरादून, 14 मार्च (Udaipur Kiran) । हरिद्वार लोकसभा सीट के लिए भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम की घोषणा करने के बाद उनके डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। उनके समर्थकों ने उनके आवास रात में जमकर आतिशबाजी की, ढोल बजाए और मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेेंद्र सिंह रावत के आवास पर करीब तीन साल में यह पहला मौका होगा, जब उनके समर्थकों का इतना हुजूम नजर आया हो। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर नाचते-झूमते समर्थकों को बीच-बीच में संबोधित भी किया। उन्होंने टिकट देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही मुख्यमंत्री धामी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने दोहराया कि जितना उत्साह आज दिख रहा है, उससे दोगुने उत्साह से चुनाव में जुटना है। उत्तराखंड की पांचों सीटों पर विजय का उपहार प्रधानमंत्री को देना है।
वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद से त्रिवेंद्र सिंह रावत की सक्रियता में कभी कमी नहीं आयी। कभी रक्तदान, तो कभी दूसरे अभियानों के जरिये वे सार्वजनिक जीवन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहेे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जब उन्हें डोईवाला सीट से टिकट नहीं दिया गया तो इस बात को और बल मिला कि पार्टी हाईकमान की उन पर नजरें इनायत नहीं है। हालांकि उनका ये दबाव जरूर रहा कि उनके करीबी बृजभूषण गैरोला को उनकी सिफारिश पर भाजपा उम्मीदवार बनाया गया। गैरोला चुनाव में जीते, तो इसे त्रिवेंद्र सिंह रावत की ही जीत माना गया।
हरिद्वार सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पार्टी हाईकमान ने टिकट देकर उन्हें एक और मौका दिया है। त्रिवेंद्र को टिकट देने के लिए पार्टी हाईकमान को हरिद्वार सीट पर मौजूदा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काटना पड़ा है। हिन्दुत्व की जिस तरह से पूरे देश में लहर चल रही है, उस लिहाज से देखें, तो गंगा नगरी हरिद्वार की सीट के भाजपा के लिए महत्व को समझा जा सकता है। हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा के पुराने व अनुभवी नेता हैं, लेकिन इस सीट पर उम्मीदवार बतौर वे नया चेहरा हैं। पार्टी अब एंटी इनकमबेंसी की आशंका से भी मुक्त है। जहां तक त्रिवेंद्र समर्थकों का सवाल है, वह मोदी लहर के बीच जीत के प्रति आश्वस्त हैं। वैसे भी पिछले दो लोकसभा चुनाव से इस सीट पर भगवा परचम ही बुलंद हो रहा है।
(Udaipur Kiran) /विपिन बनियाल