Uttar Pradesh

सुकेता जलाशय योजना से स्वावलंबी बनेंगी महिलाएं, केज कल्चर को मिलेगा बढ़ावा

सुकेता जलाशय योजना से स्वावलंबी बनेंगी महिलाएं, केज कल्चर को मिलेगा बढ़ावा

– केज के लिए 50 महिलाओं का चयन, हर ब्लाक में रखे जाएंगे दो मत्स्य मित्र

मीरजापुर, 14 मार्च (Udaipur Kiran) । मत्स्य संवर्धन और मत्स्य पालकों की आय बढ़ाने के साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए भी पहल की जा रही है। केज विधि से महिलाएं पियासी पंगेसियस प्रजाति की मछली का उत्पादन करेंगी। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने मछुआ समुदाय की 50 महिलाओं का चयन 50 केज के लिए किया है।

मत्स्य निरीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि केज कल्चर को बढ़ावा देने के लिए सुकेता जलाशय योजना से कम संसाधन और कम लागत में बेहतर मछली उत्पादन में मदद मिलेगी। साथ ही प्रत्येक ब्लाक में दो मत्स्य मित्रों की भी तैनाती की जाएगी। विंध्याचल मंडल समेत पूर्वांचल में मछली के शौकीनों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके मद्देनजर मछलियों की खपत को मंडल से ही पूरा करने का लक्ष्य है। मत्स्य पालन विभाग अब स्थानीय स्तर पर मछली पालन कारोबार को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।

जनपद के लगभग एक हजार तालाबों में मछली पालन का कारोबार किया जा रहा है। इस रोजगार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग पांच हजार लोग जुड़े हैं। वर्तमान में मीरजापुर जिले में प्रति वर्ष लगभग साढ़े सात हजार टन मछली का उत्पादन होता है। इसमें से लगभग साढ़े चार हजार टन मछली की खपत मीरजापुर में होती है, शेष गैर जनपद व पश्चिम बंगाल आदि प्रांतों में भेजा जाता है।

(Udaipur Kiran) /गिरजा शंकर/मोहित

Most Popular

To Top