HEADLINES

दो पत्नियां रखने वाले प्रवक्ता को हाईकोर्ट से राहत बरकरार

इलाहाबाद हाईकोर्ट

-राज्य सरकार की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील खारिज

प्रयागराज, 15 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पत्नी के जीवित रहते दूसरी पत्नी रखने के आरोपित राजकीय महाविद्यालय चुनार, मिर्जापुर के संस्कृत प्रवक्ता भास्कर प्रसाद द्विवेदी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने एकलपीठ के प्रवक्ता के निलम्बन आदेश को रद्द करने के आदेश की वैधता की चुनौती में राज्य सरकार की विशेष अपील पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए खारिज कर दी है।

कहा है कि नियम 10(2) के तहत छोटे दंड के अपराध के लिए याची के निलम्बित करने का औचित्य नहीं है। विपक्षी प्रवक्ता को सफाई का मौक़ा दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा नियम 4 के तहत निलंबन किया जा सकता है। नियम 10 में निलंबन का औचित्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस क्यू एच रिजवी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील को खारिज करते हुए दिया है।

मालूम हो कि विपक्षी प्रवक्ता की पहली पत्नी की शिकायत पर जिलाधिकारी ने जांच की और नियम 10(2) में निलम्बित कर दिया गया। इस नियम में छोटा दंड दिए जाने की व्यवस्था की गई है। विपक्षी ने निलम्बन आदेश को चुनौती दी और कहा नैसर्गिक न्याय का उल्लघंन किया गया है। एकलपीठ ने निलम्बन आदेश रद्द कर दिया और कहा कि कोई जांच रिपोर्ट नहीं है, जिस पर कहा जा सके कि रिपोर्ट पर निर्णय लिया गया है।

सरकारी वकील का कहना था कि केवल निलम्बित करने के आदेश पर कोर्ट के हस्तक्षेप करने का औचित्य नहीं है। जिस पर खंडपीठ ने कहा बहस आकर्षक है किन्तु मेरिट पर नहीं है। माइनर पेनाल्टी पर भी जांच की जानी चाहिए। आरोपी को सफाई का मौक़ा देना चाहिए। नियम 4 के तहत निलम्बन हो सकता है। नियम 10 में निलम्बित करने का औचित्य नहीं है।

(Udaipur Kiran) /आर.एन/दिलीप

Most Popular

To Top