Uttrakhand

नशामुक्त भारत अभियान में सर्वाधिक संख्या में युवा जुड़ें : प्रो. शतांशु

शिविर के समापन के दौरान

हरिद्वार, 23 मार्च (Udaipur Kiran) । युवा किसी भी राष्ट्र की ऊर्जा होते हैं और युवाओं की शक्ति का समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। यह अति आवश्यक है कि नशामुक्त भारत अभियान में सर्वाधिक संख्या में युवा जुड़ें। यह विचार कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने सात दिवसीय विशेष शिविर के बौद्धिक सत्र नशा मुक्त भारत अभियान के दौरान व्यक्त कर रहे थे।

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई चार के तत्वावधान में आयोजित शिविर में प्रो.विपुल शर्मा ने स्वयंसेवकों से कहा कि नशा किसी भी परिवार और समाज के लिए अभिशाप है। योग और यज्ञ से शरीर दोषमुक्त होता है। उन्होंने स्वयंसेवकों से नशे के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. धर्मेंद्र बालियान ने छात्रों को फिट इंडिया कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया।

एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मयंक पोखरियाल ने कुलपति के सम्मुख विगत सात दिन में किए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि सात दिवसीय शिविर के दौरान एनएसएस स्वयंसेवकों के समग्र व्यक्तित्व विकास एवं सामुदायिक सेवा के लिए विभिन्न परियोजना कार्य जैसे 500 पौधों की एनएसएस वाटिका निर्माण, 500 से अधिक पेड़ों में नियमित पानी डालना, परिसर की नियमित सफाई, युवा सर्वेक्षण के तहत बजरीवाला बस्ती के 300 से अधिक परिवारों तक पहुंचकर शिक्षा, स्वच्छता, नशा उन्मूलन, पर्यावरण, गंगा घाट सफाई, डिजिटल लिटरेसी, डिजिटल इंडिया, फिट इंडिया, कैशलेस इंडिया, शिक्षा, मतदाता जागरूकता, रक्तदान आदि के लिए अभियान चलाकर जागरूक और प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति सोमदेव शतांशु ने सभी स्वयंसेवकों को महर्षि दयानंद की पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश और आचार्य बालकृष्ण की पुस्तक यज्ञ और योग चिकित्सा पुस्तक देकर सम्मानित किया।

इस दौरान उन्होंने एनएसएस इकाई चार के कार्यों और प्रयासों को सराहा। कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु, संकायाध्यक्ष प्रो. विपुल शर्मा ने यांत्रिकी के शिक्षक योगेश कुमार और एनएसएस अनुसेवक रोहित पाल, स्वयंसेवक सुब्रत, विजय कुमार सिंह, शुभम, अभिषेक, ध्रुव, पंकज, संजीव, अयान, सिद्धार्थ, सूरज, सुधांशु, उमेर, विवेक, शौर्य, सुनील, शिवम, हर्ष तोमर, आशीष मधुप, सौरभ, सुमित, आनंद, निलेश, निखिल, दिलकुश, चंदन, अंकित, मृणाल, विश्वास आदि को सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक देकर सम्मानित किया।

समापन सत्र में एनएसएस वाटिका का किया उद्धघाटन-

शिविर का आरंभ दैनिक योग से हुई। उसके बाद स्वयंसेवकों ने अभिगृहित मलिन बस्ती में जाकर युवा सर्वेक्षण कार्य किया। इस दौरान स्वयंसेवकों के दूसरे दल ने बस्ती में जाकर नशा उन्मूलन अभियान के अंतर्गत जनजागरूकता रैली निकली और लोगों को नशा न करने लिए प्रेरित किया। स्वयं सेवकों के एक दल ने एनएसएस वाटिका का कार्य किया, जिसका उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने किया।

(Udaipur Kiran) / रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज

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