नई दिल्ली, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके बेटे के खिलाफ 66 एफआईआर दर्ज करने वाले आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह की 2015 से यूपी में लगातार तैनाती के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि केवल गैर-नियुक्त व्यक्ति या सफल उम्मीदवार या अधिकारी के सेवा विस्तार को चुनौती दे सकता है।
याचिका विजय कुमार ने दायर की थी। याचिकाकर्ता आठवीं पास है और मध्य प्रदेश के विदिशा लोकसभा क्षेत्र से 1993 में चुनाव लड़ चुका है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अनुज कुमार गर्ग, विपिन कुमार और पारुल वर्मा ने कहा था कि आंजनेय कुमार सिंह का 2015 में यूपी में प्रतिनियुक्त किया गया था। उसके बाद से वे लगातार यूपी में ही तैनात हैं, जो ऑल इंडिया सर्विसेज रुल्स की धारा 6(2)(ii) और इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस कैडर रुल्स की 15 और 16 का उल्लंघन है।
हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के गिरिजेश श्रीवास्तव के केस का हवाला देते हुए कहा कि ये स्थापित कानून है कि सेवा के मामले में जनहित याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती और केवल वही याचिका दायर कर सकता है जो गैर-नियुक्त व्यक्ति या सफल उम्मीदवार हो।
बतादें कि आईएएस अधिकारी आंजनेय सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के मामले में आजम खान और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इस मामले में आजम खान जेल भी गए थे।
(Udaipur Kiran) /संजय/आकाश