Uttrakhand

‘माइक्रो फाइनांस के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल का संगोष्ठी में अभिनंदन करते संगोष्ठी संयोजक।

नैनीताल, 10 मई (Udaipur Kiran) । कुमाऊं विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को ‘माइक्रो फाइनांस के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक उत्तराखंड अंजू अग्रवाल, मुख्य वक्ता पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा एवं आईक्यूएसी प्रो. संतोष कुमार के साथ दीप प्रज्वलित किया।

संगोष्ठी में कुसुम कंडवाल ने कहा कि छोटी बचत और ऋण सुविधाओं तक पहुंच से निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती है। इससे महिलाएं अपने साथ-साथ बच्चों की भलाई पर खर्च बढ़ाने में सक्षम होती हैं। उन्होंने कहा कि कि माइक्रो फाइनेंस यानी छोटी ऋण योजनाओं ने ग्रामीण महिलाओं को उचित आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर दिया है, जिससे भाग लेने वाले परिवारों के लिए बेहतर जीवन स्तर और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक अंजू अग्रवाल ने कहा कि भारत का हृदय अपने ग्रामीण क्षेत्रों में बसता है और यह भारत का आर्थिक इंजन भी है। वित्तीय समावेशन, महिला सशक्तीकरण और डिजिटल समावेशन लाकर माइक्रोफाइनेंस भारत को एक महाशक्ति के रूप में उभरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्य वक्ता पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा ने बताया कि प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत व्यापक प्रयासों के चलते 513 मिलियन यानी 51 करोड़ 30 लाख भारतीयों को बुनियादी बैंक खाते का स्वामित्व मिला है, जिनमें 55 फीसद महिलायें हैं।

आईक्यूएसी निदेशक प्रो. संतोष कुमार ने कहा कि महिलाओं की कमाने की क्षमता बढ़ाकर माइक्रो फाइनैंस कंपनियों ने आर्थिक सशक्तीकरण के साथ लिंग समानता को प्रोत्साहन मिला है, और साथ ही महिलाओं के लिये पुरूषों का व्यवहार भी बेहतर हुआ है।

इससे पूर्व राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रो. अतुल जोशी ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास महिलाओं के विकास पर निर्भर करता है। परिवार में महिलाओं के वित्तीय समावेशन हेतु सहायक माइक्रोफाइनेंस एवं अन्य कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य महिलाओं की अंतर-पारिवारिक सौदेबाजी की शक्ति और उनकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करना है। मंच संचालन डॉ. निधि वर्मा एवं रितिशा शर्मा ने एवं आभार ज्ञापन आयोजक सचिव डॉ. विजय कुमार किया।

(Udaipur Kiran) /डॉ. नवीन जोशी/सत्यवान

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