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वडनगर में मिले प्राचीन शहर के सदियों पुराने कंकाल के रहस्य से पर्दा हटा

आर्कोलॉजिकल

-गुजरात से 1800 दूर रहने वाले इंसान की वडनगर में हुई थी मौत

मेहसाणा, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । उत्तर गुजरात के वडनगर शहर में खुदाई के दौरान यहां सदियों पुरानी आबादी के प्रमाण मिले हैं। ऐतिहासिक नगरी वडनगर में 2800 साल पुराने इतिहास के कई साक्ष्य मिलने के बाद यहां विश्व के दूसरे नंबर का म्यूजियम बनाया जा रहा है। इस म्यूजियम में खुदाई के दौरान मिले प्राचीन अवशेषों को यहां रखा जाएगा।

इस साल के शुरू में 17 जनवरी को वडनगर में दबे हजारों वर्ष पुरानी मानव आबादी होने के साक्ष्य मिले हैं। इस दौरान यहां 11 कंकाल मिले। कंकालों की जांच में चौंकाने वाली जानकारी मिली है। विशेषज्ञों के अनुसार यह कंकाल तजाकिस्तान के एक नागरिक की है। गुजरात से तजाकिस्तान की दूरी करीब 1800 किलोमीटर है। विशेषज्ञ यह जानकर दंग हैं कि तजाकिस्तान का नागरिक गुजरात क्यों आया होगा और उसकी किस परिस्थिति में यहां मौत हुई होगी।

11 मानव कंकालों से शोध को नई दिशा

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई), फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (पीआरएल), जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) और डेक्कन कॉलेज की शोध टीम ने यहां खुदाई की थी। इस दौरान वडनगर से 2800 वर्ष पुरानी मानव सभ्यता के प्रमाण मिले हैं। यह सारी चीजें ईसवी सन से 800 साल पहले की है। फिलहाल इन सभी चीजों पर शोध जारी है।

वडनगर से मिले अवशेषों में 11 मानव कंकाल ने शोध के दौरान अलग ही आयाम दिया है। सभी कंकाल 150 से 600 साल पुराने बताए गए हैं। वडनगर के शर्मिष्ठा तालाब की खुदाई के दौरान यह सभी कंकाल मिले हैं।

एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह कंकाल तजाकिस्तान के नागरिक की है। तजाकिस्तान गुजरात से करीब 1800 किलोमीटर की दूरी पर है। सवाल यह है कि वर्षों पहले तजाकिस्तान का नागरिक वडनगर क्यों आया था और इसका गुजरात कनेक्शन क्या है। हालांकि वडनगर में तजाकिस्तान के नागरिक की मौत हुई है, यह बात कंकाल साबित कर रहा है।

अत्यंत प्राचीन बौद्ध मठ भी मिला

एएसआई के पुरातात्विक विशेषज्ञ अभिजित अंबेकर ने बताया कि गहरी खुदाई से सात सांस्कृतिक समायावधि मौर्य, इंडो-ग्रीक, शक-क्षत्रपा, हिंदू-सोलंकी, सल्तनत-मुगल (इस्लामिक) से गायकवाड-ब्रिटिश आबादी के शासनकाल की जानकारी प्राप्त हुई है। खुदाई के दौरान सबसे पुराना बौद्ध मठ भी यहां मिला है। इसके अलावा यहां विशिष्ठ पुरातात्विक कलाकृति, मिट्टी कला, तांबा, सोना, चांदी और लोहे की जटिल डिजाइन वाली चूड़ियां मिली हैं। इसके अलावा इंडो-ग्रीक शासन की ग्रीक राजा अपोलोडेट्स के सिक्के का मोल्ड भी मिला है।

7 मानव सभ्यता के लिए अलग-अलग होंगे सात फ्लोर

वडनगर की पुरातात्विक खुदाई के दौरान मिले अनमोल चीजों की वजह से सरकार यहां विश्व का दूसरा सबसे बड़ा म्यूजियम बना रही है। यह एशिया का पहला एक्सपीरियन्स म्यूजिम होगा। यहां 2800 साल पहले मानव सभ्यता के विकसित होने की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। वर्षों पहले इंसान किस तरह का जीवन जीता था, इसका लोगों को अहसास कराया जाएगा। इसके अलावा खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक महत्व की चीजों को भी यहां रखा जाएगा। यहां सात अलग-अलग काल को दर्शाते हुए सात फ्लोर तैयार किए जांएगे।

वडनगर, एक ऐसा शहर है जिसे वृद्धनगर, आनंदपुर, अनंतपुर और नगर जैसे नामों से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह 2,700 वर्षों से अधिक समय से बसा हुआ है। 2006 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने शहर को बौद्ध धर्म के केंद्र के रूप में उजागर किया था, तब यहां कई पुरातात्विक खुदाई शुरू हुई थी।

(Udaipur Kiran) /बिनोद

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