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इतिहास के पन्नों में 24 मार्चः इसलिए कानपुर को कहते हैं उत्तर प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी

लाल इमली कभी कानपुर की पहचान रही है। फोटो-इंटरनेट मीडिया

देश-दुनिया के इतिहास में 24 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर कानपुर के लिए खास है। कभी भारत का मैनचेस्टर रहा कानपुर कल 24 मार्च को 221 साल का हो जाएगा। इस दौरान इस शहर ने लंबी यात्रा तय की । दस साल पहले जिला प्रशासन ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया था। तत्कालीन डीएम रौशन जैकब ने 211 पाउंड का केक काटकर इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया था। 24 मार्च 1803 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे जिला घोषित किया था। गंगा नदी के किनारे बसे कानपुर की पहचान प्रसिद्ध औद्योगिक नगरी के रूप में रही है। यहां लाल इमली, म्योर मिल, एल्गिन मिल, कानपुर कॉटन मिल और अथर्टन मिल जैसी कई विश्व प्रसिद्ध कपड़ा मिलें खुलीं। इस वजह से कानपुर को भारत का मैनचेस्टर कहा जाने लगा। बाद में कुछ कारणों से एक-एक कर मिलें बंद हो गईं और कानपुर की जगह अहमदाबाद भारत का मैनचेस्टर बन गया। आज भी कानपुर में बने चमड़े का सामान पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। 1857 ईस्वी के गदर में कानपुर का विशेष महत्व रहा है।

माना जाता है कि इस शहर की स्थापना सचेन्दी राज्य के राजा हिन्दू सिंह ने की थी। कानपुर का मूल नाम ‘कान्हपुर’ था। कानपुर की उत्पत्ति का सचेंदी के राजा हिन्दू सिंह से अथवा महाभारतकाल के वीर कर्ण से संबद्ध होना चाहे संदेहात्मक हो पर इतना प्रमाणित है कि अवध के नवाबों के शासनकाल के अंतिम चरण में यह नगर पुराना कानपुर, पटकापुर, कुरसवां, जूही और सीमामऊ गांवों के मिलने से बना था। पड़ोस के प्रदेश के साथ इस नगर का शासन भी कन्नौज और कालपी के शासकों के हाथों में रहा और बाद में मुसलमान शासकों के। अवध के नवाब अलमास अली के शासन को यहां के इतिहासकार सबसे अच्छा मानते हैं।1773 की संधि के बाद यह नगर अंग्रेजों के शासन में आया। फलस्वरूप 1778 ईस्वी में यहां अंग्रेज छावनी बनी। सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहां नील का व्यवसाय प्रारंभ किया था। 1832 में ग्रैंड ट्रंक सड़क के बन जाने पर यह नगर इलाहाबाद से जुड़ा। 1864 में लखनऊ, कालपी आदि मुख्य स्थानों से सड़कों के जरिये इसे जोड़ा गया। इसके बाद ऊपरी गंगा नहर का निर्माण भी कराया गया।

पहले के समय में फलते-फूलते कपड़ा उद्योग के कारण भारत के मैनचेस्टर के रूप में प्रसिद्ध रहे कानपुर को अब उत्तर प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी भी कहा जाता है। आजादी के बाद भी कानपुर ने तरक्की की। यहां आईआईटी खुला। ग्रीन पार्क इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बना। ऑर्डिनेंस फैक्टरी स्थापित की गई।इस सबके बाद कानपुर का परचम दुनिया में फहराने लगा। मगर 221 साल के लंबे सफर में कहीं कानपुर की गाड़ी शायद पटरी से उतर गई। सिविल लाइंस स्थित लाल इमली मिल का हाल किसी से छुपा नहीं है। लाल इमली की घड़ी जो लंदन के बिग बेन की तर्ज पर बनी थी, कभी कानपुर का चेहरा हुआ करती थी।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1953: ब्रिटेन की महारानी की दादी महारानी मैरी का सोते हुए निधन हो गया।

1989: एग्जॉन वाल्डेज तेल टैंकर के अलास्का के तट के पास ब्लाइ रीफ से टकरा जाने के बाद करीब 11 मिलियन गैलन (4.1 करोड़ लीटर) कच्चा तेल समुद्र में फैल गया।

1998ः भारत में तेज तूफान के कारण 250 लोग मारे गए। 3000 घायल।

1999ः पी.एन. भगवती (भारत) लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कमेटी के उपाध्यक्ष चयनित।

2003ः दुनिया भर में विश्व क्षय रोग दिवस मनाया गया।

2007: मैथ्यू हेडन ने क्रिकेट वर्ल्ड कप का सबसे तेज शतक लगाया। हेडन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 66 गेंद में शतक लगाया था। 2011 वर्ल्ड कप में आयरलैंड के केविन-ओ-ब्रयान ने महज 50 गेंद में शतक लगाकर हेडन का रिकॉर्ड तोड़ा।

2008ः पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता युसुफ रजा गिलानी को पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुना गया।

2008: भूटान में नेशनल असेंबली के लिए चुनाव करवाए गए। इसी के साथ भूटान आधिकारिक तौर पर लोकतंत्र बना।

जन्म

1863ः प्रसिद्ध भारतीय अधिवक्ता और राजनेता सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा।

1892ः भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार और राष्ट्रसेवी हरिभाऊ उपाध्याय।

1966ः आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता और उद्योगपति गल्ला जयदेव।

1979ः हिन्दी फिल्म अभिनेता इमरान हाशमी।

1984ः भारतीय हॉकी खिलाड़ी एड्रियन अल्बर्ट डिसूजा।

निधन

1603ः इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ (प्रथम)।

1971ः हिन्दी के आधुनिक गद्यकार राधिका रमण प्रसाद सिंह।

(Udaipur Kiran)

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