Uttar Pradesh

आत्म पठन की पुस्तक है तुझसे नाराज नहीं जिंदगी : पद्मश्री राजेश्वर आचार्य

'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी पुस्तक का लोकार्पण

वाराणसी, 22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पुरा छात्र और पूर्व प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त उमाकांत शुक्ल की आत्मकथा पुस्तक ‘तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी’ का लोकार्पण सोमवार को भोजपुरी अध्ययन केंद्र के राहुल सभागार में किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संगीतकार पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने पुस्तक की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सहज तरह से लिखी गयी है जो आत्मकथा से आगे बढ़कर आत्मपठन है। यह पुस्तक आगत का स्वागत करने के लिए तैयार किया गया एक पाथेय है जो आने वाली पीढ़ी को जीवन संघर्षों में बिना डिगे आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा। निरपेक्ष भाव से अपनी जीवनयात्रा में आगे बढ़ते हुए उमाकांत शुक्ल ने अमूर्त भाव से सांस्कृतिक गुणसूत्रों की पड़ताल की है। जिसमें जीवन जीने का ढंग है कोई ढोंग नहीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आलोचक प्रो.सुरेंद्र प्रताप ने कहा कि ‘तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी’ की व्यथा, उसकी त्रासदी केवल उमाकांत शुक्ल की ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतीय समाज की है। पुस्तक बहुत सामाजिक है। सोचने के लिये मजबूर करती है।

पुस्तक के लेखक उमाकांत शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत कर कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव होता है। लेकिन कभी-कभी व्यक्ति के जीवन में यह उतार-चढ़ाव इतने ज्यादा हो जाते हैं कि वह किताब की शक्ल ले लेते हैं। क्योंकि यह इतने गहरे होते हैं कि व्यक्ति इनको लिखकर ही पार पा लेता है।

उमाकांत शुक्ल ने कहा कि संघर्ष के बिना कुछ पाने की इच्छा करना एक बेमानी जैसा है, इस दौरान उन्होंने अपने जीवन और कॅरियर से सम्बंधित पुरानी यादों को भी साझा किया तथा पुस्तक की रचना प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। पुस्तक का प्रकाशन सेतु प्रकाशन समूह की ओर से किया गया है।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की ओर से सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो.ज्ञानप्रकाश सिंह ने पुरा छात्र उमाकांत शुक्ल का अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया। कार्यक्रम में अलका कुमारी एवं वसुधा ने कुलगीत की प्रस्तुति दी। संचालन डॉ. प्रीति त्रिपाठी, धन्यवाद ज्ञापन मानस पत्रिका के सम्पादक आर्यपुत्र दीपक ने दिया। कार्यक्रम का आयोजन मानस पत्रिका परिवार की ओर से किया गया। कार्यक्रम में अर्चना शुक्ल, सुनीता शुक्ल, डॉ. प्रभात मिश्र, प्रो.देवेंद्र मिश्र, डॉ. शैलेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) /श्रीधर/राजेश

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