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तेज़ाब डाल कर विवाहिता की हत्या के मामले में दो लोगों को आजीवन कारावास

तेज़ाब डाल कर विवाहिता की हत्या के मामले में दो लोगों को आजीवन कारावास

अजमेर, 30 अप्रैल (हिस )। महिला उत्पीड़न प्रकरण की विशेष कोर्ट ने विवाहिता की हत्या के मामले में दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित ने विवाहिता को शादी का झांसा देकर पहले भगाया और फिर पीछा छुड़ाने के लिए अपने ममेरे भाई के साथ मिलकर उसकी तेजाब डालकर बेरहमी से हत्या कर दी थी।

पीसांगन थाना क्षेत्र में 29 सितंबर 2014 को नागेलाव गांव निवासी विवाहिता के पति ने अपनी पत्नी के लापता होने का मुकदमा दर्ज करवाया था। इस मामले की जब पुलिस ने परतें खोली तो, हैवानियत की हदें पार करती ख़ौफनाक वारदात सामने आई थी। इस मुकदमे में कोर्ट ने आरोपित अर्जुन गुर्जर और जगदीश गुर्जर को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

लोक अभियोजक अशरफ बुलन्दी ने बताया कि विवाहिता के पति ने पीसांगन थाने में पत्नी के लापता होने का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस पड़ताल कर ही रही थी कि विवाहिता के पिता ने पुलिस को बताया कि उनके ही गांव का निवासी आरोपित गांव से उनकी बेटी को लेकर कहीं चला गया है। पुलिस ने आरोपित और महिला की काफी तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस को खबर मिली कि मध्य प्रदेश के मंदसौर के जंगल में किसी युवती का जला हुआ शव मिला है। पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल की। साथ ही मौके से बरामद हुई हड्डियां, कपड़े और गहने के माध्यम से महिला की पहचान परिजनों से करवाई। साथ ही डीएनए का मिलान भी करवाया। इसके बाद पीसांगन थाना पुलिस ने 17 अक्टूबर 2014 को आरोपित तितरडी गांव निवासी आरोपित और उसके ममेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि महिला की शादी से वह नाराज था। वह उसकी प्रेमिका थी और शादी से पहले उसके साथ संबंध थे। बयान में उसने बताया कि नागेलाव में महिला को उसने मिलने के लिए बुलाया था। पति के घर से महिला बहाना बनाकर घर से बाहर निकली थी और प्रेमी के साथ रवाना हो गई। यहां से दोनों पहले कोटा और उसके बाद रावतभाटा गए, जहां आरोपित के ममेरे भाई के पास रहे। कुछ दिनों बाद ही दोनों में शादी की बात को लेकर अनबन होने लगी।

पीछा छुड़ाने के लिए की बेरहमी से हत्या : आरोपित ने अपने ममेरे भाई के साथ मिलकर महिला को मारने की साजिश रची। दोनों महिला को लेकर मंदसौर गए, जहां जंगल में आरोपितों ने महिला की निर्मम हत्या कर दी। योजना के तहत आरोपितों ने तेजाब से भरी जरीकन उड़ेल दी। इस दौरान तेजाब के कुछ छींटे आरोपितों के कपड़ों और शरीर पर भी पड़े थे। यही तेजाब के छींटे मुकदमें में आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य भी बने।

यह बना सजा का आधार : लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि महिला उत्पीड़न प्रकरण की विशेष कोर्ट ने मुकदमे में धारा 302,366 और 201 के तहत आरोपितों को दोषी माना। आरोपितों को धारा 302 में उम्र कैद की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। इसी तरह धारा 366 में 5 वर्ष कारावास और 10 हजार रुपये और धारा 201 में तीन वर्ष की कारावास और 5 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 24 गवाह, 35 दस्तावेज और 7 आर्टिकल पेश किए गए थे। उन्होंने बताया कि वारदात स्थल से मिली हड्डियों और महिला के माता-पिता के डीएनए से मिलान की रिपोर्ट एवं आरोपितों के शरीर और कपड़ों पर लगे तेजाब की छींटे सजा का आधार बने हैं।उन्होंने बताया कि कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी प्रतिकर स्कीम के तहत मृतका के पति और पिता को मुआवजा देने की अनुशंसा की है।

(Udaipur Kiran) /सन्तोष/संदीप

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