Uttar Pradesh

हवन-यज्ञ से वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को मिलता है आत्मिक बल : संगीता कृष्ण प्रिय

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– श्रीमद् भागवत कथा का यज्ञ-भंडारे के साथ समापन हुआ

औरैया, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । कंचौसी क्षेत्र के जमौली गांव में बाबा ब्रह्मदेव मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में ज्ञान यज्ञ बुधवार को संपन्न हो गई। कथा के समापन के पश्चात गुरुवार को यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया।

भागवत कथा का आयोजन सुरेंद्र कुशवाह परिवार की ओर से करवाया गया था। कथा व्यास संगीता कृष्ण प्रिय ने सात दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। संगीता कृष्ण प्रिय ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।

कथावाचक ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है।

कथा समापन के दिन गुरुवार को विधि विधान से पूजा करवाई। दोपहर तक यज्ञ और भंडारा कराया गया। इसमें यजमान सुरेंद्र ने अपने परिवार के साथ आहुति डाली। शहर से आए श्रद्धालुओं ने भी हवन में आहुति डाली। पूजन के बाद दोपहर को भंडारा लगाकर प्रसाद बांटा गया।

इस मौके पर परिक्षित सुरेन्द्र कुशवाहा, साधना आयोजक देवेंद्र सिंह कुशवाहा, दीप्ति कुशवाह और दशरथ सिंह, अरविन्द कुमार, जगदीश गुप्ता, आदित्य, आर्यन, विक्रम, महेश कुशवाह, शिव प्रसाद सोनवीर मलखान, सर्वेश, मनीष कुशवाह, भानु, मोहित, प्रदीप सहित सैकड़ों श्रोता मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran)

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