RAJASTHAN

16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग संस्थानों में प्रवेश देना गाइडलाइन का उल्लंघन

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कोटा जिला प्रतिनिधिमंडल

कोटा, 15 मार्च (Udaipur Kiran) । प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कोटा जिला के प्रतिनिधिमंडल ने गुरूवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ज्ञापन देकर शिक्षा नगरी कोटा में केंद्र सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन-2024 की अक्षरशः अनुपालना करवाने करवाने का अनुरोध किया। ज्ञापन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाईन के अनुसार कक्षा-6 से 10वीं तक किसी भी प्रकार की कोचिंग प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाये। चाहे वह कोचिंग संस्थान मे चल रही हो या स्कूल भवन मे संचालित हो रही हो। कोटा शहर मे कक्षा- 6 से 10वीं तक संचालित सभी कोचिंग संस्थानो के विज्ञापनो एवं कोचिंग कक्षाओं पर पूर्ण रोक लगाई जाये।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्राइवेट स्कूल संचालको को आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार की यह गाइडलाईन लागू की जायेगी। इसमे कोई बदलाव नही होगा। उन्होने कहा कि निजी स्कूलों को यू.डी.टेक्स से मुक्त कराया जायेगा ताकि विद्यार्थियों पर टेक्स का आर्थिक बोझ न पडे।

एसोसिएशन ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार, देशभर के कोचिंग संस्थानों के लिये जारी नई गाइडलाइन केंद्र सरकार का सराहनीय प्रयास है। उन्होंने शिकायत की कि गाइडलाइन द्वारा 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की कोचिंग पर रोक लगा दी गई है। उसके बावजूद कोटा शहर मे कक्षा 6 से 10वीं तक कोचिंग कक्षायें निरंतर संचालित की जा रही है। अगले शैक्षणिक वर्ष 2024-25 सत्र के लिए भी 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्री-नर्चर डिवीजन में धड़ल्ले से प्रवेश दिये जा रहे हैं। अभिभावकों से पूरे साल की एकमुश्त फीस लेकर उन्हे लुभावने एवं भ्रामक प्रचार से आकर्षित किया जा रहा है।

विज्ञापनों व सोशल मीडिया से भ्रामक प्रचार जारी-

कक्षा 6 से 10वीं तक के विद्यार्थियों को कोचिंग संस्थानो में प्रवेश देने के लिए भ्रामक प्रचार द्वारा प्रवेश प्रक्रिया चलायी जा रही है। विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षाओं के साथ ओलंपियाड व टयूशन जैसे शब्दो का प्रयोग कर भ्रामक विज्ञापनों से प्रचार किया जा रहा है। यह केंद्र एवं राज्य सरकार के आदेशों की खुली अवहेलना है। चूंकि स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल,2024 से प्रारंभ होगा, ऐसे में अभिभावकों एवं विद्यार्थियों से कोचिंग संस्थानों द्वारा एडवांस प्रवेश शुल्क वसूल कर लेने से वे ठगा सा महसूस करेंगे।

स्कूल एसोसिएशन ने कहा कि कोचिंग संस्थान पूरे शहर मे होर्डिंग, समाचार पत्रों में विज्ञापन तथा सोशल मीडिया के माध्यम से 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग में प्रवेश देने का प्रचार कर रहे हैं। जिसकी कुछ प्रति सलंग्न है। यह भ्रामक प्रचार केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देशों का खुला उल्लंघन है। पढाई का अनावश्यक दोहरा दबाव बनाकर कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों की आत्महत्याओं को रोकने की बजाय बढाने जैसा कार्य कर रहे हैं। विद्यार्थियों के डमी स्कूलों में प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिये गये हैं, जिसका कोटा शहर में खुला उल्लंघन किया जा रहा है।

गाइडलाईन के बिन्दु 4 ‘‘परिभाषा‘‘ के बिन्दू 3 मे स्पष्ट है कि कोई भी स्कूल मे कोचिंग संस्थान द्वारा अध्ययन कार्य प्रतियोगी परीक्षा एवं शैक्षणिक सहायता प्रदान करना कोचिंग परिभाषित किया जायेगा। यदि स्कूल स्तर पर कोचिंग संस्थान द्वारा किसी भी प्रारूप मे कराया जाता है तो यह कोचिंग गाइडलाईन 2024 की अवहेलना है। ज्ञापन में कहा कि जब स्कूल मान्यता के लिये आवेदन करते समय राज्य सरकार को एक शपथपत्र देता है। जिसके बिन्दु 10 मे स्कूल संचालक शपथ लेते है कि ‘‘संस्था द्वारा राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित सिलेबस एवं पुस्तको द्वारा ही अध्ययन करवाया जायेगा। गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी स्कूल में कोचिंग कक्षाओं का संचालन करना सीबीएसई या राजस्थान बोर्ड के नियमो की अवहेलना है। स्कूल परिसर मे किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां प्रतिबन्धित है। इसका उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थानो पर नियमानुसार कार्यवाही करने के लिये जिला कलक्टर को निर्देश प्रदान करें।

प्रतिनिधीमंडल मे संभागीय अध्यक्ष महेश गुप्ता, जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश शर्मा, महामंत्री कपिल विजय, कोषाध्यक्ष संजय विजय, अशफाक मलिक, एच.एस. गौरी, अफशान सलिम, पंकज वात्स्य, जमनाशंकर, सोनिया राठौर, हेमलता, रतनेश, कौशल किशोर, पूनम झाम, रमेश सुमन, सुरेश खण्डेलवाल, अरूण श्रीवास्तव, मंगीलाल पारेता, सत्यनारायण, ओम प्रकाश एवं अन्य 200 संचालक शामिल रहे।

(Udaipur Kiran) /ईश्वर

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