Uttrakhand

विद्यालय से लौटते हुए छात्रा से छेड़छाड़, सहेली-गवाह पक्षद्रोही हुए, फिर भी दोषी को मिली सजा

नैनीताल, 16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नैनीताल जनपद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार ने विद्यालय से परीक्षा देकर घर लौट रहे छात्र-छात्राओं के साथ गाली गलौज कर लज्जा भंग करने के उद्देश्य से आपराधिक कृत्य करने के एक आरोपित को दोषी करार दिया है। खास बात यह भी है कि इस मामले में दो में से एक पीड़िता और अन्य प्रत्यक्षदर्शी गवाह न्यायालय में पक्षद्रोही हो गये थे।

इसके बावजूद न्यायालय ने आरोपित को 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 11 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है और सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया है। साथ ही अभियुक्त द्वारा जमा कराये जाने वाले अर्थदंड में से 7,000 रुपये की धनराशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति अदा करने का भी आदेश किया है।

मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने न्यायालय को बताया कि 25 जून 2020 को एक किशोरी ने पट्टी पटवारी सुंदरखाल में शिकायत दर्ज कराई की वह 24 जून को अपनी बोर्ड की परीक्षा देकर घर को पैदल वापस आ रही थे तो सुरेंद्र बिष्ट पुत्र विरेंद्र बिष्ट निवासी ग्राम कॉल पट्टी सुंदरखाल तहसील धारी जिला नैनीताल ने उसे व उसकी सहेली को रास्ते में रोककर उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर छेड़खानी की। छात्राओं ने विरोध किया तो उसने उन्हें व उनके घर वालों को देख लेने की धमकी दी। इस पर छात्राएं भागते हुए पास की एक दुकान के पास पहुंचीं, तब सुरेंद्र वहां से भाग गया। शिकायत पर आरोपित सुरेंद्र के विरुद्ध राजस्व पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 व 504 तथा एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया।

इस मामले में अभियोजन ने तथ्यों को साबित करने हेतु कुल 10 गवाहों को न्यायालय में पेश किया, लेकिन पीड़िता को छोड़कर उसकी पीड़िता सहेली सहित अन्य गवाहों ने अभियोजन के तथ्यों का समर्थन नहीं किया, इस कारण उन्हें पक्षद्रोही घोषित किया गया, लेकिन मामले में पीड़िता द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध बयान देते हुए अभियोजन तथ्यों का पूर्ण समर्थन करते हुए बयान दर्ज कराये थे।

इस आधार पर न्यायालय ने आरोपित को भादंसं की धारा-354 के अन्तर्गत 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड तथा अर्थदंड जमा ना करने पर 2 माह का अतिरिक्त कारावास एवं धारा 504 के अन्तर्गत 1 माह का कठोर कारावास एवं 1 हजार अर्थदंड और अर्थदंड अदा ना करने पर 15 दिन के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही जमानत पर चल रहे दोषी सुरेंद्र बिष्ट को न्यायिक हिरासत में लेकर सजा भुगतने के लिए जेल भिजवाया। न्यायालय ने अर्थदंड में से 7,000 रुपये पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति अदा करने का भी आदेश किया है।

न्यायालय ने की महत्वपूर्ण टिप्पणी-

अपने निर्णय में न्यायालय ने यह भी कहा है कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ उस समय छेड़छाड़ व गाली गलौज की, जब वह परीक्षा देकर पैदल घर लौट रही थी। पीड़िता का घर ग्रामीण क्षेत्र में है, तथा विद्यालय से 5 किमी दूर है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त द्वारा पहाड़ी क्षेत्र के निर्जन एवं खाली स्थान का लाभ उठाकर पीड़िता की लज्जा भंग करने का प्रयास किया गया है। प्रायः देखने में आया है कि स्कूल जाने वाली छात्राओं के साथ कई लड़के शरारत करते हैं, जिस कारण छात्रायें न केवल स्कूल जाने में परेशान होती हैं, बल्कि पढ़ाई भी छूट जाती है।

(Udaipur Kiran) /डॉ.नवीन जोशी/रामानुज

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