Haryana

हिसार: उद्योगों व शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग और तालमेल समय की मांग: नरसी राम बिश्नोई

ईडीपी के समापन समारोह का शुभारंभ करते कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई व अन्य।

उद्योग व विश्वविद्यालय के बीच सेतू का कार्य करेगा र्डडीपी

हिसार, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा है कि उद्योगों तथा शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग व तालमेल समय की मांग है। शिक्षण संस्थानों को उद्योगों की जरूरतों की जानकारी होनी चाहिए ताकि उद्योगों की मांग के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था स्थापित की जा सके।

प्रो. नरसीराम बिश्नोई सोमवार को एग्जीक्यूटिव डेवेलपमेंट कार्यक्रम (ईडीपी) के समापन के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। डीन एफईटी प्रोे. संदीप आर्य तथा प्रो. अंबरीश पांडेय भी इस अवसर पर उपस्थित रहे जबकि अध्यक्षता मुद्रण तकनीकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. पंकज तिवारी ने की। डा. बिजेंद्र कौशिक इस कार्यक्रम के संयोजक तथा डा. विकास जांगड़ा सह संयोजक रहे। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि यह र्डडीपी उद्योग तथा विश्वविद्यालय के बीच सेतू का कार्य करेगा।

प्रो. संदीप आर्य ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम नियमित होते रहें तो विश्वविद्यालय को उद्योगों के फीडबैक लगातार मिलते रहेंगे, जो विश्वविद्यालय के लिए उपयोगी होगा। प्रो. अम्बरीश पाण्डेय ने भी ईडीपी को प्रतिभागियों के लिए उपयोगी बताया। डा. पंकज तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में खन्ना पेपरज मिल्ज के 25 कार्यकारी अधिकारियों ने भाग लिया। इन अधिकारियों को मुद्रण की आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी रहा।

ईडीपी के संयोजक डा. बिजेंद्र कौशिक ने कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पेपर तथा इंक टेस्टिंग विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का संचालन किया गया। प्रो. राजेंद्र अनायथ ने रंग प्रबंधन पर प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया। गुणवत्ता नियंत्रण विषय पर प्रशिक्षण का संचालन आऊट साइड विशेषज्ञ सौरभ सिंघल तथा अनुराग ने किया। समापन समारोह में प्रतिभागियों से फीडबैक भी लिया गया। प्रतिभागियों ने बताया कि यह ईडीपी उनके लिए अत्यंत उपयोगी रहा है। इस प्रशिक्षण शिविर के दौरान सीखी गई तकनीकों का उनके उद्योग को बहुत अधिक फायदा होने वाला है। धन्यवाद संबोधन कार्यक्रम के सहसंयोजक विकास जांगड़ा ने किया।

(Udaipur Kiran) /राजेश्वर

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