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जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ या अलग-अलग कराने पर फैसला चुनाव आयोग करेगा-मुख्य चुनाव आयुक्त

जम्मू, 13 मार्च (Udaipur Kiran) । मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि चुनाव आयोग सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और हितधारकों से फीडबैक के बाद जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ या अलग-अलग कराने पर फैसला करेगा।

उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने में देरी के बारे में आलोचना को भी खारिज कर दिया और कहा कि परिसीमन और आवश्यक विधायी प्रक्रियाएं दिसंबर 2023 तक ही पूरी हो गई थीं।

उन्होंने अपने तीन दिवसीय दौरे को समाप्त करने से पहले संवाददाताओं से कहा कि परिवर्तन दिसंबर 2023 में हुए और हम मार्च में हैं। हम अपनी जिम्मेदारियों को जानते हैं और हम यह भी जानते हैं कि कोई राजनीतिक शून्यता नहीं होनी चाहिए और चुनाव जल्द होने चाहिए। उन्होंने संवादाताओं के सामने कहा कि अपना तीन दिवसीय दौरा समाप्त करने से पहले प्रदेश में आगामी संसदीय चुनावों की तैयारियों का आकलन किया गया है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने आगामी आम चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव कराने पर राजनीतिक दलों, सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन सहित हितधारकों से फीडबैक लिया है। उन्होंने कहा कि हमने समीक्षा की कि क्या दोनों चुनाव एक साथ होंगे या एक के बाद एक होंगे। हम सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और फीडबैक लेने के बाद फैसला करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमने हर किसी से फीडबैक लिया है कि कितनी सुरक्षा की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर में प्रत्येक उम्मीदवार को सुरक्षा कवर की आवश्यकता होती है इसलिए इसका एक साथ चुनाव कराने का सुरक्षा प्रभाव होगा।

कुमार ने कहा कि आयोग विधानसभा और संसदीय चुनावों को लेकर समान रूप से चिंतित है। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई और विधानसभा चुनाव कराने में देरी के बारे में सवाल उठाए गए। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि चुनाव आयोग की ओर से कोई देरी नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में आया जिसके बाद एक परिसीमन आयोग आया जिसने 2022 में अपना अभ्यास पूरा किया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निवासियों के लिए 24 सीटों सहित विधानसभा सीटों को 107 से बढ़ाकर 114 करने की सिफारिश की गई। अब हमारे पास 90 विधानसभा सीटें हैं जिनमें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नौ सीटें शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम और परिसीमन के बीच विसंगति होने के कारण चुनाव कराने की कोई संभावना नहीं थी।

उन्होंने कहा कि हमें उन्हें एक साथ लाना होगा और यह दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अधिनियम के रूप में हुआ। कुमार ने कहा कि संशोधित अधिनियम में एक महिला सहित प्रवासियों के लिए दो सीटें आरक्षित करने की परिसीमन आयोग की सिफारिश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों के लिए एक नामांकन का प्रावधान भी शामिल है।

(Udaipur Kiran)

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