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कोकरनाग अनंतनाग मुठभेड़ मामले में दो ओवरग्राउंड वर्कर के खिलाफ आरोपपत्र दायर

श्रीनगर, 16 मार्च (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को कोकरनाग अनंतनाग मुठभेड़ मामले में दो ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।

एनआईए की जांच के अनुसार, मुठभेड़ 13 सितंबर 2023 की रात को शुरू हुई जब वरिष्ठ अधिकारी कोकरनाग के गडोले जंगल में संदिग्ध ठिकाने के पास पहुंचते ही भारी गोलीबारी की चपेट में आ गए।

आतंकियों द्वारा की गई भीषण गोलीबारी में सेना के एक कर्नल, एक मेजर, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक बलिदान हो गए। शुरुआती गोलीबारी के दौरान एक अन्य सैनिक भी घायल हो गया और ऑपरेशन के तीसरे दिन उसका शव मिला। ऑपरेशन सात दिनों तक चला, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर उजैर खान मारा गया।

एनआईए ने कहा कि अनंतनाग के कोकरनाग इलाके के निवासी मोहम्मद अकबर डार और गुलाम नबी डार के खिलाफ एनआईए की विशेष अदालत, जम्मू के समक्ष शनिवार को आरोप पत्र दायर किया गया।

दोनों पर आईपीसी, शस्त्र अधिनियम और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए जांच में पता चला कि दोनों आरोपित उजैर खान के लिए ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में काम कर रहे थे।

एनआईए जांच से पता चला कि ये दोनों क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकी कृत्यों और गतिविधियों को अंजाम देने में मदद कर रहे थे। वे सुरक्षा बलों की आवाजाही के साथ-साथ भोजन, दैनिक जरूरत की वस्तुओं आदि के रूप में रसद सहायता के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे थे। वे आतंकवादियों को आश्रय प्रदान करके उन्हें आश्रय भी दे रहे थे।

एनआईए ने कहा कि मुठभेड़ में मारा गया आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) का सक्रिय सदस्य था। उन्होंने कहा कि उजैर अगस्त 2022 में लश्कर में शामिल हो गया था और सीमा पार से पाकिस्तानी आकाओं के माध्यम से अनंतनाग क्षेत्र में सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल था।

एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि वह कोकरनाग इलाके में पहले हुई आतंकी घटनाओं में भी शामिल था और पिछले दो मौकों पर वह पहाड़ी/जंगली इलाके का फायदा उठाकर सुरक्षा बलों के चंगुल से भागने में सफल रहा था। उन्होंने कहा कि लश्कर और टीआरएफ दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं और जिहाद के नाम पर कश्मीरी युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए लगातार उकसाने व प्रेरित करने में शामिल रहे हैं।

एनआईए ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा 1990 के दशक की शुरुआत में गठित सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है, और अनंतनाग क्षेत्र में नेटवर्क को पुनर्जीवित करने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। यह जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में विभिन्न शाखाओं के माध्यम से काम कर रहा है।

एनआईए ने कहा कि दोनों संगठन अपने मकसद को बढ़ावा देने और बेरोजगार युवाओं को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लुभाने के लिए ट्विटर, टेलीग्राम और यूट्यूब चैनलों जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं।

मामला शुरू में 13 सितंबर को अनंतनाग जिले के पुलिस स्टेशन कोकेरनाग में दर्ज किया गया था और 05 दिसंबर को एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया।

(Udaipur Kiran) /आकाश

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