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कैबिनेट की मंजूरी के बाद भारत और 4 देशों के ईएफटीए के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता

एफटीए पर समझौता हस्‍ताक्ष करते भारत और ईएफटीए सदस्‍य देश काफोटो 

नई दिल्ली, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । भारत और 4 देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) ने रविवार को राजधानी दिल्ली में एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, व्यापार सुविधा समेत कई क्षेत्र को शामिल किया गया है।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में भारत-ईएफटीए ने व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर करके दस्तावेज का आदान-प्रदान किया गया। भारत और ईएफटीए ने निवेश को बढ़ावा देने और वस्तुओं एवं सेवाओं में दोतरफा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई थी।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में इस समझौते की जानकारी देते हुए कहा कि इस समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल है। भारत के साथ समझौता करने वाले ईएफटीए के सदस्य देशों में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।

गोयल ने समझौते के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हवाले से कहा कि कई पहलुओं में संरचनात्मक विविधताओं के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्थाओं में पूरकताएं हैं। उन्होंने कहा कि विशाल व्यापार और निवेश के अवसरों के खुलने के साथ ही हमारा विश्वास महत्वाकांक्षा के एक नए स्तर पर पहुंच गया है। गोयल ने कहा कि व्यापार समझौता निष्पक्ष, न्यायसंगत व्यापार खोलने के साथ-साथ युवाओं के लिए विकास और रोजगार पैदा करने के हमारे साझा समझौते का प्रतीक है।

वाणिज्य मंत्री ने बताया कि भारत और ईएफटीए के साथ हुए समझौते में सामान सेवाएं और निवेश, आईटी, ऑडियो-विजुअल और कुशल पेशेवरों जैसे प्रमुख घरेलू सेवा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसमें निवेश और निर्यात को बढ़ावा देना प्रमुख हैं। दोनों पक्षों ने अक्टूबर, 2023 में वार्ता फिर शुरू की और इसे तेजी से पूरा किया। भारत-ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) समझौते पर बातचीत कर रहे थे।

भारत-ईफएटीए के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में 18.65 अरब डॉलर रहा था, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 27.23 अरब डॉलर था। पिछले वित्त वर्ष में व्यापार घाटा 14.8 अरब डॉलर था। इन देशों में स्विट्जरलैंड, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इसके बाद नॉर्वे का स्थान है। भारत 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ अलग से एक वृहद मुक्त व्यापार करार के लिए बातचीत कर रहा है।

(Udaipur Kiran) /प्रजेश

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