मुंबई,4 सितंबर ( हि.स.) । ठाणे जिला परिषद ने गांवों में छात्रों में पढ़ने के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से शाहपुर तहसील में एक अनूठी पहल आला आला श्रवण दारी, पुस्तक वाचू घरोंघरी का आयोजन किया गया। इसे पी.कन्नडी स्कूल में लागू किया गया। छात्रों की प्रतिभा को निखारने के लिए श्रावण माह में छात्र गाँव में एक साथ किताबें पढ़ते हैं। इस अभिनव प्रयोग में बच्चों ने मृण्मयी पाटिल द्वारा लिखित पुस्तक पौराणिक कथा की 22 कहानियाँ उसी तर्ज पर पढ़ीं, जैसे पहले श्रावण महीने में गाँव में पढ़ी जाती थीं। आला आला श्रवण डारि, पुस्तक वाचू घरोघरी कार्यक्रम का समापन हुआ 3 अगस्त, 2024 को छात्रों ने अपने द्वारा पढ़ी गई पुस्तकों पर चर्चा करके समापन किया।
इस कार्यक्रम में सभी शिक्षकों एवं ग्रामवासियों का भरपूर सहयोग रहा। इस अवसर पर खारीवली केंद्र के प्रमुख एकनाथ पवार उपस्थित रहे और विद्यार्थियों को बहुमूल्य मार्गदर्शन दिया। विद्यालय प्रबंधन समिति, अभिभावक, शिक्षक, अभिभावक, सभी समितियां एवं ग्रामीण उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का मार्गदर्शन डॉ. गंगाराम धमके एवं रमेश पडवाल सर द्वारा किया गया।विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष महेंद्र निमसे ने कहा कि आज तक हमारे विद्यालय में ऐसा कार्यक्रम नहीं हुआ था । हमें अपने बच्चों और उनके शिक्षकों पर गर्व है। जबकि शिक्षक डॉक्टर वरिष्ठ शिक्षक गंगाराम धमके ने बताया कि इस अभिनव प्रयोग का उद्देश्य संस्कृति की रक्षा एवं संरक्षण करना है। तदनुसार, हमने इस गतिविधि के माध्यम से श्रावण में अध्याय पढ़ने की संस्कृति को एक नए रूप में शुरू किया है। एक छात्रा सुश्री तनया नामदेव का कहना है कि वस्तुतः श्रावण मास में हर दिन गाँव में किताबें पढ़ते समय बहुत कुछ पढ़ने को मिलता है। आला आला श्रवण दारी, पुस्तक वाचू घरोघरी पहल ने किताबें पढ़ने का शौक पैदा किया है।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा