धमतरी, 2 जनवरी (Udaipur Kiran) ।धमतरी शहर से लगे ग्राम शंकरदाह में रामकृष्ण मंडावी परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में भगवताचार्य युगल किशोर शास्त्री ने कहा कि जीवन संतुलन का नाम है। संतुलित ढंग से जीने वाले मनुष्य का योग उसके दुःखों को हर लेता है। अज्ञान ही समस्त दुःखों का कारण है, इसीलिए अपनी इन्द्रियों को अपने वश में करके परम ज्ञान को प्राप्त हो जाओ।
उन्होंने पांच प्रमुख विषयों पर व्याख्यान देते हुए कहा कि फल की चिंता किए बिना समाज कल्याण के लिए पूर्ण कौशल से कर्म करें। अपने सारे कर्म ईश्वर को समर्पित कर दो और मैं कुछ कर रहा हूँ इस मिथ्या अहम(अभिमान ) भाव से मुक्त रहो। अधिक खाने वाले या बिल्कुल न खाने वाले, अधिक सोने वाले या बिल्कुल न सोने वाले को योग लाभ नहीं मिलता। जीवन का परम लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति है, जो समस्त सुख-दुःख , लाभ-हानि , जय -पराजय , मन-अपमान और गुणों-अवगुणों से परे है। समस्त इंद्रियों (ज्ञानेन्द्रियों, कर्मेन्द्रियों, मन एवं बुद्धि) के कार्यक्षेत्र से परे किंतु सबके भीतर हैं, वही सत, सनातन, अविनाशी अविकारी और निर्गुण है। गीता सार तुलसी वर्षा हवन पूजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने गुरुजी के शिष्य परिवार जन उपस्थित रहे। इस अवस पर पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, राजीव सिन्हा व अन्य उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा