जम्मू, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । 26 अक्टूबर 1947 को लेह लद्दाख और तिब्बती देश को मिलाकर भारत में शामिल किए गए जम्मू कश्मीर के डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह द्वारा हस्ताक्षरित 78वें विलय दिवस के अवसर पर युवा राजपूत सभा (वाईआरएस) के सदस्यों ने वाईआरएस के चेयरमेन रघुवीर सिंह की देखरेख और अध्यक्ष वाईआरएस की अध्यक्षता में अपनी कोर कमेटी, सभी हितधारकों और सक्रिय सदस्यों के साथ तवी ब्रिज बिक्रम चौक जम्मू के पास महाराजा हरि सिंह जी की प्रतिमा के पास विलय दिवस मनाया और महाराजा हरि सिंह जी को श्रद्धांजलि दी।
मीडिया को संबोधित करते हुए विक्रम ने कहा कि महाराजा साहब की बदौलत हम गर्व से कहते हैं कि हम भारत के नागरिक हैं, जम्मू-कश्मीर के नागरिक हैं और हमें डोगरा होने पर गर्व है। विक्रम ने आगे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की भी मांग की। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासन को निर्देश दिया था। चेयरमैन रघुवीर ने जम्मू-कश्मीर के वर्तमान परिदृश्य के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की मांग की और कहा कि भारत के संविधान के अनुसार हर राज्य और हर नागरिक के पास उनके अधिकार हैं और कोई भी उनकी स्थिति और अधिकारों को नष्ट नहीं कर सकता।
राजन सिंह हैप्पी पूर्व अध्यक्ष ने महाराजा हरि सिंह जी के योगदानों की जानकारी दी और कहा कि जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ केंद्र सरकार भी शैक्षिक पुस्तकों में डोगरा इतिहास की भूमिका और योगदान के बारे में बताती है। संस्थापक सदस्य राजिंदर सिंह ने राजनीतिक दलों को दी गई शक्तियों और अधिकारों के बारे में भी चर्चा की और कहा कि प्रशासन जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए वोकल फॉर लोकल को सशक्त बनाए।
कोर कमेटी के सदस्य सुरिंदर सिंह गिल्ली ने भी जम्मू-कश्मीर की अनमोल और गौरवशाली विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि प्रशासन हमारी डोगरा विरासत को बचाने के लिए गंभीरता से काम करता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा