Haryana

युवाओं को लुप्त हो रही संस्कृतियों को तलाशने व जानने का प्रयास करें युवा :डी. सुरेश

शिविर के समापन समारोह का उद्घाटन करते मुख्यातिथि डा. डी. सुरेश, कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई एवं अन्य।
शिविर के समापन समारोह में सर्वश्रेष्ठ टीम आदित्य को सम्मानित करते मुख्यातिथि डा. डी. सुरेश।

भारत की संस्कृति में विविधताओं में एकता का भाव : नरसी राम बिश्नोई

गुजवि में चल रहे ‘राष्ट्रीय एकीकरण शिविर’ का समापन

हिसार, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव डा. डी. सुरेश ने कहा है कि हर संस्कृति के पीछे अपना एक इतिहास और संघर्ष है। युवाओं को लुप्त हो रही संस्कृतियों को तलाशना और जानना चाहिए, तभी वे इस देश में अनेकता में एकता के भाव को गहराई से समझ पाएंगे।

डॉ. डी. सुरेश गुरुवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में चल रहे ‘राष्ट्रीय एकीकरण शिविर’ के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। ‘यूथ फोर माई भारत एंड डिजिटल लिटरेसी’ थीम पर लगाए गए इस सात दिवसीय शिविर का समापन समारोह विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुआ। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने अंदर असुरक्षा की भावना बिल्कुल न आने दें। केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य करें, श्रेष्ठता से करें।

सफलता, प्रसिद्धि और पद अपने आप मिलते जाएंगे तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहनशील बनें तथा सीखने की इच्छा रखें। अपने स्वयं के उदाहरण देते हुए उन्होंने युवाओं को निरंतर लक्ष्य की ओर बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि भारत की संस्कृति समृद्ध है। यहां विविधताओं में एकता है। इस राष्ट्रीय शिविर ने विभिन्नताओं में एकता के संदेश को फैलाया है तथा सकारात्मक ऊर्जा संचारित की है। एक भारत और श्रेष्ठ भारत के भाव को मजबूत किया है। उन्होंने प्रतिभागी स्वयंसेवकों से कहा कि उन्होंने जो कुछ इस शिविर में सीखा है, वे जाकर समाज में उसे संचारित करें तथा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। सशक्त व जागरूक भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय तकनीकी कौशल का युग है। अपने अंदर तकनीकी कौशल विकसित करें तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।

कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने अपने संबोधन में कहा कि इस राष्ट्रीय एकता शिविर का संदेश है कि देश का भविष्य युवाओं के हाथ में है। डिजिटलाइजेशन वर्तमान समय की मांग है। स्टेट एनएसएस ऑफिसर डा. दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि हरियाणा इस साल दस राष्ट्रीय शिविरों का आयोजन करने जा रहा है। सभी श्रेणियों में युवा शिविर आयोजित करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना है। हरियाणा में देश के सबसे ज्यादा एक लाख 55 हजार स्वयंसेवक हैं तथा 250 एनएसएस युनिट और स्थापित करने की मांग की गई है। फील्ड ऑफिसर मनोज कुमार ने कहा कि इस शिविर में स्वयंसेवकों ने बहुत कुछ सीखा है। इसका असली लाभ तभी मिलेगा है जब प्रतिभागी स्वयंसेवक अपने अपने राज्य में इसे संचारित करेंगे।

डा. अंजू गुप्ता ने स्वागत सम्बोधन किया तथा बताया कि 11 अक्टूबर से शुरू हुए इस शिविर में 16 राज्यों के 200 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। डा. कलपना ने शिविर के सातों दिनों की गतिविधियों की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। डा. विनिता माथुर ने भी कार्यक्रम बारे जानकारी दी।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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