जम्मू, 25 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजौरी के सुदूर कालाकोट क्षेत्र में युवाओं के उत्थान के लिए एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में भारतीय सेना ने बढ़ईगीरी कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है। सेना द्वारा स्थापित एक समर्पित प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित इस पहल का उद्देश्य युवाओं को रोजगार क्षमता बढ़ाने और वंचित समुदायों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक कौशल से लैस करना है।
सेना के एक अधिकारी ने बताया गया कि इस पाठ्यक्रम में जिसमें उत्साही भागीदारी देखी गई है फर्नीचर बनाने, लकड़ी की कारीगरी और उपकरण संभालने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसमें पारंपरिक बढ़ईगीरी तकनीकों को आधुनिक नवाचारों के साथ मिलाया जाता है। विशेषज्ञ प्रशिक्षक प्रतिभागियों को एक व्यापक पाठ्यक्रम के माध्यम से मार्गदर्शन करते हैं जिससे व्यावहारिक सीखने का अनुभव सुनिश्चित होता है।
इस पहल के हिस्से के रूप में प्रतिभागियों को पूरा होने पर टूलकिट और प्रमाण पत्र प्राप्त होते हैं जो रोजगार या उद्यमिता के लिए उनकी संभावनाओं को काफी बढ़ाते हैं। यह कार्यक्रम सेना के व्यापक मिशन के साथ संरेखित है जो अक्सर बेरोजगारी और सीमित संसाधनों से जूझ रहे क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
कार्यक्रम के लाभार्थियों ने सेना का हार्दिक आभार व्यक्त किया है तथा कार्यक्रम की क्षमता पर जोर देते हुए कहा है कि इससे आय के नए अवसर पैदा होंगे। अन्य व्यावसायिक व्यवसायों में विस्तार करने की योजना के साथ भारतीय सेना न केवल राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बल्कि स्थानीय समुदायों में विकास और लचीलापन बढ़ाने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा