
नैनीताल, 12 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड सरकार की पर्यटन विभाग के माध्यम से संचालित होम स्टे योजना नैनीताल जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने में सहायक सिद्ध हो रही है। इस योजना ने न केवल बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि ग्रामीण आर्थिकी को भी गति दी है। पहाड़ी क्षेत्रों में संचालित होम स्टे में आने वाले देश-विदेश के पर्यटक स्थानीय व्यंजनों और लोक संस्कृति का आनंद ले रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नैनीताल के समीप खुर्पाताल निवासी पंकज कोटलिया ने पर्यटन विभाग की पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत 30 लाख रुपये का ऋण लेकर होम स्टे प्रारंभ किया, जिसमें उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान और बैंक ब्याज पर 50 प्रतिशत तथा अधिकतम 1.50 लाख रुपये प्रति वर्ष का अनुदान मिला।
उन्होंने बताया कि उनका होम स्टे सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है। उन्होंने दो अन्य ग्रामीणों को भी इसमें रोजगार दिया है। इस प्रकार यह योजना स्थानीय लोगों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराकर पलायन पर नियंत्रण का सशक्त माध्यम बनती जा रही है।
इस प्रकार ग्रामीण लाभार्थी इस योजना का लाभ लेकर आत्मनिर्भर होने के साथ अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ रहे हैं। वहीं इन होम स्टे में पहुंच रहे देश विदेश के पर्यटक जहां एक ओर पहाड़ी व स्थानीय व्यंजन का लुत्फ उठा रहे हैं वहीं स्थानीय लोक संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं। इस योजना का लाभ देकर सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को रोजगार से जोड़ना और पलायन कम करना है। लाभार्थी इस योजना के तहत 05 से 07 वर्ष के बीच में ऋण की वापसी जमा कर सकते हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
