– अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत देश और जेल ट्रांसफर का यह पहला मामला
सूरत, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । यूनाइटेड किंगडम (यूके) के लेस्टर कोर्ट से आजीवन कैद की सजा पाने वाले कैदी जिगु सोरठी को भारत की सूरत स्थित लाजपोर जेल में ट्रांसफर किया गया है। जेल ट्रांसफर का यूके और भारत सरकार के बीच अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत यह पहला मामला है।
दरअसल वर्ष 2020 में यूके के लेस्टर शहर में जिगु सोरठी ने अपने मंगेतर भाविनी प्रवीणा की क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी थी। इस घटना से यूके में ही नहीं, बल्कि जिगु के देश भारत में भी हड़कंप मच गया था। युवक ने भाविनी के साथ वर्ष 2017 में सिविल मैरिज करने के बाद यूके में रहने चला गया था। उन्होंने विधिवत रूप से शादी की योजना बनाई थी, लेकिन मतभेदों के कारण भाविनी ने शादी करने से इनकार कर दिया था, इससे नाराज जिगु ने भाविनी की छुरे से हत्या कर दी थी। इस घटना का ट्रायल लेस्टर कोर्ट में चला, जिसके बाद आरोपित जिगु को दोषी ठहराते हुए 28 साल कैद की सजा सुनाई गई। करीब 4 साल तक यूके की जेल में रहने के बाद जिगु सोरठी के परिवार के सदस्यों ने सरकार के समक्ष भारत के जेल में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
इसके बाद यूके और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय करार के अनुसार कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई और दोनों देशों के अधिकारियों व दूतावास के समन्वय से जेल ट्रांसफर की मंजूरी दी गई। दाे दिन पूर्व 16 दिसंबर को ब्रिटिश एस्कोर्ट स्टाफ कैदी जिगु को दिल्ली लाया। यहां सूरत पुलिस के अधिकारियों के विशेष दल में शामिल पुलिस उपाधीक्षक, पीआई समेत अन्य पुलिसकर्मी उसे लेने पहुंचे। यूके और भारत की पुलिस ने कैदी को साैंपने की जरूरी प्रक्रिया काे पूरा किया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डा पर कैदी की सुपुर्दगी लेने की वीडियोग्राफी की गई। सूरत पुलिस 17 दिसंबर को कैदी जिगु को लेकर लाजपोर जेल पहुंची और अधिकारियों को सौंप दिया। कैदी काे अब बाकी की सजा यही पर काटनी होगी।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय