देहरादून, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की ओर से शनिवार को राजपुर रोड स्थित साई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट में तंबाकू निषेध से संबंधित जागरूकता के लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। साथ ही तंबाकू के सेवन से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में युवाओं को जागरूक किया गया। तंबाकू निषेध के लिए इस वर्ष की थीम- तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों का बचाव है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनएचएम डॉ. निधि रावत ने कहा कि तंबाकू उत्पाद न केवल बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी घातक है। प्रतिवर्ष कई लोग तंबाकू के सेवन से जीवन गवां देते हैं। उन्होंने कहा कि तंबाकू सेवन से प्रतिवर्ष होने वाली मौतों के कारण तंबाकू उत्पाद कंपनियों के ग्राहक संख्या घट जाती है, इसलिए कंपनियां किशोर, बच्चों तथा युवाओं को ग्राहक बनाने के लिए विज्ञापन एवं अन्य आकर्षक झूठ का सहारा लेते हैं। युवाओं को इस षड्यंत्र को समझना होगा और तंबाकू उत्पादों से दूर रहना होेगा।
साइकोलॉजिस्ट डॉ. अनुराधा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से तम्बाकू से शरीर में होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिला सलाहकार अर्चना उनियाल ने युवाओं को कोटपा अधिनियम के विभिन्न प्राविधानों, नियमों तथा उल्लंघन पर दंड के बारे में बताया।
120 विद्यार्थियों को मिला पुरस्कार, साई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट तंबाकू मुक्त शैक्षिक संस्थान घोषित
कार्यशाला में 120 विद्यार्थियों ने तंबाकू निषेध विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता तथा सूक्ष्म नाटिका प्रस्तुत की। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्थान को कोटपा अधिनियम तथा टीओएफईआई गाइडलाइन के अनुसार तंबाकू मुक्त शैक्षिक संस्थान घोषित किया गया। कार्यशाला में संस्थान की प्रधानाचार्या डॉ. संध्या डोगरा, सुंदर ठाकुर, डॉ. आरती रौथाण, डॉ. सुरेंद्र गुसाईं, समाजिक कार्यकर्ता रेखा उनियाल, अनुराग उनियाल, सुनीता पंवार, अंजना, सजीत रावत आदि उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह