परिजनाें का आराेप मिली थी धमकी, पुलिस ने शिकायत पर नहीं की कार्रवाई
फरीदाबाद, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । फरीदाबाद में एक युवक की दिन दहाड़े 12 बार चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई। बदमाशों के ग्रुप ने बीच बाजार में युवक पर हमला किया। जिससे युवक गंभीर हालत में जमीन पर गिरकर तड़पने लगा। यह देखकर बदमाश वहां से फरार हो गए। परिजनों का कहना है कि इन आरोपियों ने युवक को इंस्टाग्राम पर धमकी दी थी। जिसकी शिकायत लेकर वह पुलिस थाने भी गए थे। जहां कार्रवाई की जगह एक पुलिसकर्मी ने कहा कि यूं ही कोई किसी को जान से नहीं मारता। इसके 4 दिन बाद ही युवक की हत्या कर दी गई। फरीदाबाद के रहने वाले अनमोल ने बताया कि मरने वाला युवक अंशुल बसेला कॉलोनी का रहने वाला था। मंगलवार रात अंशुल दोस्तों के साथ गली में खड़ा था। तभी 15-16 बदमाश वहां आ धमके। उन्होंने अंशुल के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। अंशुल के साथियों की और से बदमाशों को भगाने के लिए उन पर पथराव भी किया गया लेकिन बदमाश थोड़ी देर जाकर रुके और फिर वापस हमला करने आ गए। अंशुल उनके करीब आया तो बदमाशों ने उसे पकड़ लिया और फिर जमीन पर गिराकर चाकू मारने लगे। चाकुओं के हमले से अंशुल बुरी तरह से जख्मी हो गया लेकिन वह किसी तरह बदमाशों के चंगुल से छूटकर वापस दोस्तों की तरफ भाग निकला। हालांकि बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसी दौरान दोनों तरफ से झगड़ा शुरू हो गया। इस हत्याकांड का एक सीसीटीवी सामने आया है। जिसमें दिख रहा है कि हमला करने वाले बदमाशों का झुंड वहां से भाग रहा है। उनके पीछे मरने वाला युवक और उसके साथी पथराव कर रहे हैं। अचानक बदमाश वापस मुडक़र अंशुल को पकड़ लेते हैं। फिर जमीन पर गिराकर 2 आरोपी उस पर ताबड़तोड़ चाकुओं से वार करते नजर आते हैं। अनमोल ने बताया कि इन आरोपियों में शामिल युवक बसेलवा इलाके में अपना गुंडागर्दी फैलाना चाहते हैं। इसी वजह से अंशुल की कुछ दिन पहले उनसे कहासुनी हुई थी। जिसका बदला लेने के लिए उन्होंने साजिश रचकर अंशुल हमला कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद ओल्ड फरीदाबाद पुलिस थाने में जमा अंशुल के परिजनों और दोस्तों की भीड़। जहां वे आरोपियों के साथ उनकी शिकायत को नजरअंदाज करने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले में अंशुल के परिजनों ने कहा कि कुछ दिन पहले जब उसे इंस्टाग्राम पर जान से मारने की धमकी मिली तो वे शिकायत लेकर ओल्ड फरीदाबाद थाने पहुंचे। यहां एक कर्मचारी को उन्होंने शिकायत दी तो उसने हंसते हुए कहा कि कोई किसी को ऐसे ही जान से नहीं मारता। परिजनों के मुताबिक जिन बदमाशों ने हमला किया, उन पर पहले भी कई केस हैं। अगर पुलिसकर्मी उस दिन कार्रवाई करता तो शायद अंशुल आज जिंदा होता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी ने बदमाशों से भी हंसते हुए बात की थी और फोन काट दिया। इस मामले में ओल्ड थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर शिवकुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जैसे ही इस घटना की बीते कल जानकारी मिली तुरंत 11 हमलावरों के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में ले लिया गया है। पुलिसकर्मी कृष्ण कुमार के कार्रवाई न करने के बारे में उन्होंने कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर