हरिद्वार, 30 सितंबर (Udaipur Kiran) । स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी की ओर से संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हॉस्पिटल हरिद्वार के मेडिकल डायरेक्टर डा. संजय शाह ने कहा कि जो लोग अपने जीवन से संतुष्ट हैं या अच्छा महसूस करते हैं, उन्हें हृदय रोग और स्ट्रोक होने की आशंका कम होती है। हार्ट डिजीज की जब बात आती है तो अक्सर लोग खराब लाइफस्टाइल और खानपान को इसका कारण मानते हैं, लेकिन इन्हीं के साथ हार्ट अटैक और स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है दुःखी, परेशान और टेंशन में रहना। जिंदगी में संतुष्टि और खुशियां आपको सेहतमंद रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नियमित व्यायाम, स्ट्रेस मैनेजमेंट और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होकर इन्हें आसानी से पा सकते हैं।
डा. शाह ने स्वस्थ जीवन क्ताई राह दिखाते हुए बताया कि जो लोग खुद ही सेहत और खुशियों का ध्यान ज्यादा रखते हैं, उनमें लापरवाही करने वालों और दु:खी रहने वालों के मुकाबले हृदय रोग विकसित होने का खतरा कम होता है। खुश रहकर और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर हम अपने दिल को सेहतमंद रख सकते हैं और कई जानलेवा बीमारियों का खतरा कम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अक्सर लोग टेंशन, डिप्रेशन, एंग्जायटी पर ध्यान नहीं देते, जो हृदय संबंधी जोखिम बढ़ाते हैं इसलिए इंसान को हमेशा खुद की शारीरिक और मानसिक सेहत पर फोकस करना चाहिए। अपनी सोच को सकारात्मक रखना और छोटी-छोटी बातों को इग्नोर कर व्यक्ति खुश रह सकता है। बदलती लाइफस्टाइल के साथ दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। हमारी जीवनशैली में कई बदलाव हो रहे हैं, जिनमें देर तक काम करना, कम फिजिकल एक्टिविटी, अनहेल्दी डाइट आदि शामिल हैं। इससे दिल की बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। हृदय रोग के लक्षणों में छाती में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और थकान शामिल हैं। कुछ लोगों को दिल की धड़कन में असामान्यताएं महसूस हो सकती हैं। अन्य लक्षणों में मितली, पसीना आना और चक्कर आना शामिल हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण महसूस होते हैं तो समय पर पहचान और उपचार से हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है। हर वर्ष विश्व हृदय दिवस पर एक खास थीम रखी जाती है, जो हमें गहरा संदेश देती है। इस बार की थीम है- ‘यूज हार्ट फॉर एक्शन’। इसका अर्थ है कि हमें अपने दिल की सुननी चाहिए, अपनी भावनाओं को समझना चाहिए और उन भावनाओं को समझकर उन्हें कार्य में बदलना चाहिए।
उन्होंने बताया कि विश्व हृदय दिवस मनाने का उद्देश्य हृदय रोगों के बारे में जागरूकता फैलाना और हृदय को स्वस्थ रखने के उपायों पर जोर देना, लोगों को हृदय स्वास्थ्य के महत्व व इससे जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूक करना है।
डा. संजय शाह ने बताया कि सही खानपान, नियमित व्यायाम, धूम्रपान से बचना और तनाव को कम करना हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकते हैं। हृदय संबंधी रोग दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारण है। तले-भुने खाने से बचें। नशे से दूर रहें। रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे चलना, दौड़ना या योग करना हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकता है।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला